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गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार-अच्छी फसल से गेहूं आयात की आशंका खत्म

अंकित शर्मा by अंकित शर्मा
May 29, 2025
in Uncategorized, खेती-किसानी, लेटेस्ट न्यूज
Reading Time: 1 min
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नई दिल्ली, 29 मई 2025: भारत में गेहूं के आयात की संभावना नहीं है, क्योंकि इस साल की फसल अच्छी रही है और स्टॉक भरपूर हैं। रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट दी है, जिसमें बताया गया है कि देश को घरेलू मांग पूरी करने के लिए आयात की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस खबर से न सिर्फ किसानों को राहत मिली है, बल्कि यह देश की खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल गेहूं की पैदावार में वृद्धि हुई है, और शुरुआती सरकारी खरीद से पता चला है कि उत्पादन पिछले साल की तुलना में करीब 4 मिलियन टन ज्यादा है। इस बढ़ी हुई पैदावार से न सिर्फ घरेलू मांग पूरी होगी, बल्कि गेहूं के निर्यात पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है, ने 2022 में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि तीव्र गर्मी ने फसल को नुकसान पहुंचाया था। लेकिन अब स्थिति सुधरी है, और सरकार को आयात की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इस रिपोर्ट से गेहूं की वैश्विक कीमतों पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि भारत का आयात न होना अंतरराष्ट्रीय बाजार में आपूर्ति को स्थिर रखेगा। साथ ही, किसानों को भी उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा, क्योंकि अच्छी पैदावार से उनकी आय में वृद्धि होगी।

कृषि मंत्रालय की प्रतिक्रिया

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इस साल की गेहूं की फसल हमारे उम्मीदों से बेहतर रही है। हमने शुरुआती खरीद में ही देखा है कि उत्पादन में वृद्धि हुई है, और यह हमारे लिए एक सकारात्मक संकेत है। हमारा लक्ष्य है कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले और देश की खाद्य सुरक्षा बनी रहे।”

गेहूं उत्पादन में वृद्धि के कारण

इस साल गेहूं की पैदावार में वृद्धि के कई कारण हैं। सरकार की ओर से दी गई विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी ने किसानों को बेहतर बीज, उर्वरक और सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराईं। इसके अलावा, मौसम की स्थिति भी फसल के लिए अनुकूल रही। रबी सीजन में हुई अच्छी बारिश और सही तापमान ने गेहूं की पैदावार को बढ़ाने में मदद की।

किसानों की आय में वृद्धि

अच्छी पैदावार से किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है। कई किसानों ने बताया कि उन्हें इस साल उनकी उपज के लिए बेहतर कीमत मिली है, और वे आर्थिक रूप से ज्यादा मजबूत महसूस कर रहे हैं। एक किसान ने कहा, “पिछले साल की तुलना में इस साल हमें ज्यादा पैदावार हुई है, और सरकार की ओर से MSP में वृद्धि ने हमें और फायदा पहुंचाया है। अब हमें आयात की चिंता नहीं है, और हम अपनी उपज बेचकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।”

खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर असर

गेहूं के आयात न होने से देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी। भारत, जो एक कृषि प्रधान देश है, अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। यह न सिर्फ किसानों को फायदा पहुंचाएगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। गेहूं का निर्यात बढ़ने से विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद मिलेगी, जो देश के लिए एक सकारात्मक पहलू है।

वैश्विक बाजार पर असर

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का गेहूं आयात न होना वैश्विक बाजार पर भी असर डालेगा। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है, और उसका आयात न होना अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर रखेगा। यह गेहूं की वैश्विक कीमतों को नियंत्रित करने में मदद करेगा और अन्य देशों को भी फायदा पहुंचा सकता है।

सरकारी योजनाओं का योगदान

सरकार की विभिन्न योजनाओं ने इस साल गेहूं की पैदावार बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) जैसी योजनाओं ने किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि ने उन्हें उनकी उपज के लिए बेहतर कीमत सुनिश्चित की। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे e-NAM (इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) ने किसानों को उनकी उपज बेचने के लिए बेहतर बाजार पहुंच प्रदान की।

किसानों की चुनौतियां

हालांकि, अच्छी पैदावार के बावजूद, किसानों को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन की समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं, और कई किसान अपनी उपज को सही समय पर सही कीमत पर बेचने में असमर्थ रहते हैं। सरकार को इन मुद्दों पर ध्यान देना होगा और किसानों को इन चुनौतियों से निपटने में मदद करनी होगी।

भविष्य की उम्मीदें

इस साल की अच्छी पैदावार से भविष्य के लिए भी उम्मीदें बढ़ी हैं। सरकार और किसान दोनों ही अगले साल और बेहतर परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं। कृषि मंत्रालय ने कहा कि वे किसानों को और ज्यादा सहायता प्रदान करने के लिए नई योजनाएं ला रहे हैं, ताकि उत्पादन और बढ़े और किसानों की आय में और वृद्धि हो।

Tags: agriculture newskhabar kisan kiwheat importwheat production
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