Friday, June 20, 2025
खबर किसान की
  • होम
  • खेती-किसानी
  • पशुपालन
  • मौसम
  • सरकारी योजनाएं
  • सेहत
  • विज्ञान और तकनीक
  • वीडियो
  • सक्सेस स्टो‍री
  • लेटेस्ट न्यूज
No Result
View All Result
  • होम
  • खेती-किसानी
  • पशुपालन
  • मौसम
  • सरकारी योजनाएं
  • सेहत
  • विज्ञान और तकनीक
  • वीडियो
  • सक्सेस स्टो‍री
  • लेटेस्ट न्यूज
No Result
View All Result
खबर किसान की
No Result
View All Result
Home सक्सेस स्टो‍री

Zero Waste से बनता है सपनों का घर! आर्किटेक्ट श्रेया का स्टूडियो शून्य

अंकित शर्मा by अंकित शर्मा
June 13, 2025
in विज्ञान और तकनीक, सक्सेस स्टो‍री
Reading Time: 1 min
0 0
0
0
SHARES
42
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterwhatsappQR CodeWechatTelegram

कल्पना कीजिए एक ऐसे घर की, जो न सिर्फ आपको सुकून दे, बल्कि प्रकृति की साँसें भी लौटाए। एक ऐसा घर, जहाँ AC की जरूरत ही न पड़े और हर मौसम में तापमान अपने आप अनुकूल रहे। जी हाँ, यह सपना नहीं, बल्कि एक अद्भुत हकीकत है, जिसे आर्किटेक्ट श्रेया श्रीवास्तव अपने ‘स्टूडियो शून्य’ के साथ देश भर में साकार कर रही हैं। यह कहानी सिर्फ मिट्टी के घरों की नहीं, बल्कि एक ऐसे आंदोलन की है जो हमें पर्यावरण से दोबारा जोड़ रहा है।

जब कचरा बना ‘खजाना’: मिट्टी की वास्तुकला की नई पहचान

बदलते मौसम के तेवर हमें लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि अब हमें प्रकृति के साथ जीना सीखना होगा। ऐसे में, भारत में सदियों पुराना मिट्टी के घर बनाने का चलन एक नए, आधुनिक अवतार में लौट आया है। ‘जीरो वेस्ट’ के सिद्धांत पर आधारित ये घर सिर्फ पर्यावरण-अनुकूल ही नहीं, बल्कि बेहद खूबसूरत और टिकाऊ भी हैं। आर्किटेक्ट श्रेया ‘खबर किसान की’ को बताती हैं कि उनके ‘स्टूडियो शून्य’ का मकसद ‘मिट्टी की वास्तुकला’ को लेकर बनी हर गलत धारणा को तोड़ना है।

डिज़ाइन में प्रकृति का जादू: श्रेया का सपना सिर्फ इमारतें बनाना नहीं है। वह चाहती हैं कि वास्तुकला ऐसी हो, जो प्रकृति से गहराई से जुड़ी हो और घर में रहने वाले हर व्यक्ति को शांति और खुशी का अनुभव दे। उनका मानना है कि जब हमारा डिज़ाइन प्रकृति से जुड़ता है, तभी वह सच्चा और टिकाऊ हो सकता है। उनके बनाए घरों में आपको वह सुकून मिलेगा, जो शायद कंक्रीट के आलीशान बंगलों में भी मिलना मुश्किल है।

एक जुनून, जो बदल रहा है भारत का चेहरा

‘स्टूडियो शून्य’ की शुरुआत 2020 में हुई, लेकिन इसके पीछे श्रेया श्रीवास्तव का सालों का अनुभव और एक गहरा जुनून छिपा है। उन्होंने सी.पी. कुकरेजा आर्किटेक्ट्स, SEEDS और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण जैसे देश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया। यहीं उन्हें ‘गीली मिट्टी’ (Geeli Mitti) से प्राकृतिक घर बनाने की अद्भुत कला का परिचय मिला, जिसने उनकी ज़िंदगी बदल दी।

श्रेया ने तुरंत समझ लिया कि प्राकृतिक निर्माण सामग्री ही उनके काम का भविष्य है। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) की एक मेधावी छात्रा रहीं श्रेया ने अपने इन अनुभवों को ‘स्टूडियो शून्य’ के बड़े सपने में बदल दिया। उनका सीधा सा मंत्र है: “अगर कोई इमारत टिकाऊ नहीं है, तो वह वास्तुकला नहीं, सिर्फ एक ढांचा है।” यह वाक्य उनके हर प्रोजेक्ट में दिखाई देता है। उनका स्टूडियो साबित कर रहा है कि टिकाऊ होना सिर्फ एक ज़रूरत नहीं, बल्कि एक नई तरह की विलासिता हो सकती है।

सदियों पुराना ज्ञान, आधुनिक जीवन का आधार

क्या आपको पता है कि हमारे पूर्वज हजारों साल पहले चूने, गोबर, पत्थर और मिट्टी से घर बनाते थे, और वे आज भी मजबूत खड़े हैं? इन घरों की सबसे बड़ी खूबी थी कि ये गर्मियों में ठंडे और सर्दियों में गर्म रहते थे – यानी, बिना बिजली के एसी और हीटर का काम! श्रेया इसी प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वास्तुकला के साथ जोड़ रही हैं।

  • हर मौसम में आरामदायक: श्रेया के बनाए ये मिट्टी के घर सिर्फ देखने में सुंदर नहीं हैं, बल्कि ये सचमुच हर मौसम में आरामदायक होते हैं।
  • ‘जीरो वेस्ट’ का कमाल: ये घर कम से कम वेस्ट पैदा करते हैं और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते।
  • पूरे भारत में बन रहे हैं ऐसे घर: ‘स्टूडियो शून्य’ ने भारत के कई हिस्सों में ऐसे प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं और कई पर काम चल रहा है। यह साबित करता है कि ये घर सिर्फ एक प्रयोग नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक और बेहद सफल विकल्प हैं।

श्रेया श्रीवास्तव और उनका ‘स्टूडियो शून्य’ हमें सिर्फ घर बनाना नहीं सिखाते, बल्कि यह भी बताते हैं कि कैसे हम अपनी जड़ों से जुड़कर, पर्यावरण का सम्मान करते हुए भी एक बेहतर और आधुनिक भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। यह वास्तव में एक प्रेरणादायक कहानी है जो हर उस व्यक्ति को पढ़नी चाहिए जो पर्यावरण और एक स्वस्थ जीवनशैली में विश्वास रखता है। इसे पढ़कर आप भी कह उठेंगे: “काश, मेरा घर भी ऐसा ही होता!”

Tags: delhiEco FriendlyEco Friendly HomesGeeli MittiMud HouseNoidaShreya SrivastavaStudio ShunyaSustainable LivingZero Waste
Previous Post

खेती की पाठशाला पहुंची गांव-गांव! वैज्ञानिकों ने किसानों को सिखाई फसल की नई तकनीक

Next Post

देशभर में मौसम का बिगड़ा मिजाज, भारी बारिश, लू और तूफानी हवाओं की चेतावनी!

अंकित शर्मा

अंकित शर्मा

Related Posts

खेती-किसानी

खेत की माटी में बैठे बिना कृषि कल्याण संभव नहीं!- शिवराज सिंह चौहान

June 20, 2025
विज्ञान और तकनीक

चीड़ की पत्तियों से बनेगा कोयला, उत्तराखंड में जंगल से कमाई की अनोखी शुरुआत

June 13, 2025
खेती-किसानी

बरेली का IVRI करेगा कमाल! छुट्टा पशु बनेंगे कमाई का जरिया, पढ़ें कैसे

June 13, 2025
विज्ञान और तकनीक

भिंडी के डंठल से बन रहा है हाई-फाई कपड़ा, जानकर चौंक जाएंगे आप!

June 12, 2025
Next Post

देशभर में मौसम का बिगड़ा मिजाज, भारी बारिश, लू और तूफानी हवाओं की चेतावनी!

खबर किसान की

© 2025 khabarkisanki.com

Navigate Site

  • About
  • Team
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • खेती-किसानी
  • पशुपालन
  • मौसम
  • वीडियो
  • सरकारी योजनाएं

Follow Us

No Result
View All Result
  • होम
  • खाद-बीज
  • खेती-किसानी
  • पशुपालन
  • मौसम
  • लेटेस्ट न्यूज
  • विज्ञान और तकनीक
  • वीडियो
  • सक्सेस स्टो‍री
  • सरकारी योजनाएं
  • सेहत

© 2025 khabarkisanki.com

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist