Friday, June 20, 2025
खबर किसान की
  • होम
  • खेती-किसानी
  • पशुपालन
  • मौसम
  • सरकारी योजनाएं
  • सेहत
  • विज्ञान और तकनीक
  • वीडियो
  • सक्सेस स्टो‍री
  • लेटेस्ट न्यूज
No Result
View All Result
  • होम
  • खेती-किसानी
  • पशुपालन
  • मौसम
  • सरकारी योजनाएं
  • सेहत
  • विज्ञान और तकनीक
  • वीडियो
  • सक्सेस स्टो‍री
  • लेटेस्ट न्यूज
No Result
View All Result
खबर किसान की
No Result
View All Result
Home सेहत

जामुन खाइए, गर्मी में फिट रहिए-किसानों का मुनाफा भी बढ़ाइए!

गर्मियों का Superfood जामुन

अंकित शर्मा by अंकित शर्मा
June 10, 2025
in सेहत
Reading Time: 1 min
0 0
0
0
SHARES
29
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterwhatsappQR CodeWechatTelegram

गर्मियां आते ही बाजारों में जामुन की बहार छा जाती है, छोटा-सा काला-जामुनी फल न सिर्फ़ मुंह में मिठास घोलता है, बल्कि सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं। आयुर्वेद में जामुन को डायबिटीज, पाचन तंत्र की समस्याओं, और हृदय रोगों का कुदरती इलाज माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह रसीला फल अब किसानों की जेब भी भर रहा है? जामुन की खेती और इसके बाई-प्रोडक्ट्स की बढ़ती माँग ने ग्रामीण भारत में आर्थिक क्रांति की नींव रख दी है। आइए, जानते हैं कि जामुन कैसे आम जनता की सेहत और किसानों की कमाई, दोनों का साथी बन रहा है।

गर्मी में जामुन खाने के फायदे:

  • मधुमेह का कुदरती नुस्खा: जामुन का निम्न ग्लाइसेमिक इंडेक्स (20-25) इसे डायबिटीज रोगियों के लिए आदर्श बनाता है। इसमें मौजूद जाम्बोलन और एल्कालॉइड्स रक्त शर्करा को नियंत्रित करते हैं। रोज़ सुबह एक चम्मच जामुन के बीज का चूर्ण पानी के साथ लेने से इंसुलिन का स्तर संतुलित रहता है।
  • हृदय का रक्षक: जामुन में पोटैशियम (100 ग्राम में 50-60 मिलीग्राम) और एंटीऑक्सीडेंट्स उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों के जोखिम को कम करते हैं। यह धमनियों को लचीला रखता है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है।
  • पाचन का साथी: गर्मियों में कब्ज और अपच की शिकायतें बढ़ जाती हैं। जामुन का फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स पेट को साफ रखते हैं और आंतों की सेहत सुधारते हैं।
  • त्वचा और इम्यूनिटी बूस्टर: जामुन में विटामिन सी, आयरन, और फ्लेवोनोइड्स त्वचा को गर्मी के मुहाँसों और रूखेपन से बचाते हैं। यह रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करता है।
  • पथरी और मुंह की समस्याओं में राहत: आयुर्वेद के अनुसार, जामुन का रस और चुटकीभर सेंधा नमक मूत्राशय की पथरी को तोड़ने में मदद करता है। इसके पत्तों का पाउडर मुंह के छालों और मसूड़ों की सूजन को ठीक करता है।

जामुन की खेती: किसानों के लिए सुनहरा मौका:

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि, जामुन की खेती आज किसानों के लिए काले सोने का खजाना बन रही है। भारत में जामुन की माँग तेज़ी से बढ़ रही है, खासकर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और तमिलनाडु जैसे राज्यों में। एक हेक्टेयर में 120-150 जामुन के पेड़ लगाए जा सकते हैं, जो रोपाई के 4-5 साल बाद 50-80 किलोग्राम फल प्रति पेड़ देना शुरू करते हैं। बाज़ार में जामुन 50-100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जिससे किसान प्रति हेक्टेयर 6-8 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।

जामुन की खेती में लागत कम है, क्योंकि इसे कम पानी और न्यूनतम रखरखाव की ज़रूरत होती है। गर्मी और बारिश में यह आसानी से उगता है, और सर्दियों में पाले से बचाने के लिए हल्की देखभाल काफी है। पौधों को 10-15 किलो गोबर की खाद और वर्मी कम्पोस्ट के साथ लगाया जाता है, और गर्मियों में 5-6 दिन में एक बार सिंचाई पर्याप्त है। इसके पेड़ मिट्टी के कटाव को रोकते हैं, जिससे पर्यावरण को भी लाभ मिलता है।

जामुन के बन रहे हैं बाई-प्रोडक्ट्स: 

जामुन अब सिर्फ़ ताज़े फल तक सीमित नहीं रहा। इसके बाई-प्रोडक्ट्स जैसे जामुन का शरबत, सिरका, जैम, जेली, और बीज का पाउडर बाज़ार में धूम मचा रहे हैं। डायबिटीज रोगियों के लिए शुगर-फ्री जामुन जूस और पाउडर की माँग भारत और विदेशों में बढ़ रही है। मध्य प्रदेश के बैतूल और महाराष्ट्र के नासिक में कई किसान समूह जामुन का सिरका और जैम बनाकर ऑनलाइन बेच रहे हैं, जिससे उनकी आय में 30-40% की वृद्धि हुई है। आयुर्वेदिक कंपनियाँ जामुन की छाल और पत्तियों से दवाएँ बना रही हैं, जो पाचन और त्वचा रोगों में कारगर हैं।

सरकारी सहायता और भविष्य का स्कोप:

देश में जामुन की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM) और PM-KUSUM योजना के तहत सब्सिडी दे रही है। सौर ऊर्जा से संचालित सिंचाई और प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 5-7 साल में जामुन आधारित प्रोडक्ट्स का बाज़ार 600-700 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। छोटे उद्यमी और किसान समूह प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाकर स्थानीय रोज़गार भी पैदा कर रहे हैं।

आप भी गर्मियों में रोज़ाना 100-200 ग्राम जामुन या इसका रस पीकर आप अपनी सेहत को मज़बूत कर सकते हैं। यह डायबिटीज, हृदय रोग, और पाचन समस्याओं से बचाता है। साथ ही आप स्थानीय बाज़ारों से जामुन खरीदकर आप किसानों की मेहनत को सहारा दे सकते हैं। वहीं, किसानों के लिए जामुन की खेती और इसके बाई-प्रोडक्ट्स आर्थिक उन्नति का नया रास्ता हैं। खेती में कम लागत और लंबे समय तक मुनाफे की गारंटी इसे हर किसान के लिए आकर्षक बनाती है।

Tags: Black Plumhealth tipsHorticultureJamunJamun Ke faydeJava PlumNational Horticulture Missionsehat
Previous Post

आयातित तुअर दाल अब टैक्स-फ्री! कैबिनेट का बड़ा फैसला

Next Post

श्वेत क्रांति 2.0 से किसानों की आमदनी कैसे दोगुनी होगी?

अंकित शर्मा

अंकित शर्मा

Related Posts

सेहत

कभी लू की तपिश, कभी बारिश की फुहार—इस मौसम में सेहत का कैसे रखें ध्यान?

June 8, 2025
सक्सेस स्टो‍री

शुद्ध कच्ची घानी बैल कोल्हू तेल: पराग गौड़ की अनोखी पहल, जो समाज को दे रही है स्वस्थ जीवन!

May 31, 2025
डेयरी

 हजारीबाग में 4000 किलो नकली पनीर बरामद – अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

May 30, 2025
लेटेस्ट न्यूज

Success Story : देसी चूल्हे से शुरू की कमाई, बनीं महिलाओं की प्रेरणा

May 27, 2025
Next Post

श्वेत क्रांति 2.0 से किसानों की आमदनी कैसे दोगुनी होगी?

खबर किसान की

© 2025 khabarkisanki.com

Navigate Site

  • About
  • Team
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • खेती-किसानी
  • पशुपालन
  • मौसम
  • वीडियो
  • सरकारी योजनाएं

Follow Us

No Result
View All Result
  • होम
  • खाद-बीज
  • खेती-किसानी
  • पशुपालन
  • मौसम
  • लेटेस्ट न्यूज
  • विज्ञान और तकनीक
  • वीडियो
  • सक्सेस स्टो‍री
  • सरकारी योजनाएं
  • सेहत

© 2025 khabarkisanki.com

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist