भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का 97वां स्थापना दिवस राजधानी के प्रतिष्ठित पूसा भवन में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के कृषि क्षेत्र के लिए एक युगांतकारी घोषणा की। उन्होंने बताया कि ‘प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना’ को केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी बहुप्रतीक्षित मंजूरी दे दी है, जिससे ग्रामीण भारत में कृषि विकास की एक नई और क्रांतिकारी दिशा खुलने वाली है।
बीते दशक की कृषि प्रगति और नई योजना का लक्ष्य
कृषि क्षेत्र ने अपने संबोधन में पिछले एक दशक में भारतीय कृषि द्वारा हासिल की गई अभूतपूर्व प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि बीते 11 वर्षों में देश के खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि न केवल देश की बढ़ती आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि भारत को वैश्विक कृषि मानचित्र पर एक मजबूत स्थिति में भी स्थापित करती है। मंत्री ने इस उपलब्धि का श्रेय किसानों के अथक परिश्रम और कृषि वैज्ञानिकों के निरंतर अनुसंधान को दिया।
‘प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना’ का मुख्य उद्देश्य कृषि विकास के इस लाभ को देश के हर कोने तक पहुँचाना है, विशेषकर उन क्षेत्रों तक जहाँ अभी भी विकास की गति धीमी है।
समन्वित प्रयास से पिछड़े जिलों में आएगा बदलाव
योजना की विस्तृत रूपरेखा बताते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार उन जिलों को प्राथमिकता देगी जहाँ कृषि उत्पादकता अभी भी राष्ट्रीय औसत से कम है। इन चिन्हित जिलों में, एक अभूतपूर्व समन्वय के साथ कार्य किया जाएगा। श्री चौहान ने बताया कि 11 विभिन्न मंत्रालयों की कुल 36 योजनाओं को एक साथ, समन्वित रूप से लागू करने का प्रयास किया जाएगा। यह एकीकृत दृष्टिकोण सुनिश्चित करेगा कि सिंचाई, बीज, उर्वरक, तकनीकी सहायता, बाजार पहुँच और किसान प्रशिक्षण जैसी सभी आवश्यकताएँ एक ही मंच के माध्यम से पूरी की जा सकें।
इस समन्वय का लक्ष्य केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि करना नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आय में स्थिरता लाना, कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना और एक सशक्त ग्रामीण अर्थव्यवस्था का निर्माण करना है। यह योजना ग्रामीण कृषि पारिस्थितिकी को मजबूत करने और किसानों को आधुनिक तकनीकों, वित्तीय सहायता व सरकारी सुविधाओं का पूरा लाभ दिलाने पर केंद्रित होगी।
खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण समृद्धि का नया अध्याय
‘प्रधानमंत्री कृषि धन–धान्य योजना‘ को देश की खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह योजना न केवल कृषि उत्पादन की खाई को पाटने का काम करेगी, बल्कि ग्रामीण भारत में एक समग्र और समावेशी विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। केंद्रीय कृषि मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस योजना की कैबिनेट मंजूरी के बाद, आने वाले वर्षों में भारतीय कृषि एक नए स्वर्णिम युग में प्रवेश करेगी, जहाँ हर किसान समृद्ध होगा और हर खेत में ‘धन–धान्य‘ की बहार होगी।