नई दिल्ली: 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पावन अवसर पर आज दिल्ली में एक अभूतपूर्व और हृदयस्पर्शी नजारा देखने को मिला। उत्तराखंड के ऋषिकेश से शुरू हुई और रामेश्वरम तक जाने वाली 61 दिवसीय ‘गौ राष्ट्र यात्रा’, जो 10,000 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेगी, अपने दिल्ली पड़ाव पर ‘केशव गिर गौशाला’ में पहुँची। यहाँ यात्रा दल ने ‘गौमाता संग योग’ के एक विशेष आयोजन के साथ योग दिवस मनाया, जहाँ गौ भक्तों ने गौमाताओं के बीच योग साधना कर प्रकृति और भारतीय संस्कृति के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा व्यक्त की। यह सिर्फ योग नहीं था, यह था प्रकृति, संस्कृति और गौ-भक्ति का एक अविस्मरणीय उत्सव।
गौशाला में योग का दिव्य अनुभव: गौमाता और योगियों का अद्भुत मिलन
केशव गिर गौशाला का वातावरण आज सुबह मंत्रमुग्ध कर देने वाला था। एक ओर देश के कोने-कोने से आए गौसेवक और गौपालक, योग के आसनों में लीन, तो दूसरी ओर उन्हीं के बीच शांत भाव से खड़ी गौमाताएँ, मानो इस पवित्र पल का आशीर्वाद दे रही हों। इस अभूतपूर्व आयोजन का नेतृत्व जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWARI) के अध्यक्ष श्री भारत सिंह राजपुरोहित ने किया।
राजपुरोहित जी के आह्वान पर, हर उम्र के लोगों ने गौमाता के सान्निध्य में प्राणायाम, ध्यान और योग के विभिन्न अभ्यासों को किया। इस दौरान हर चेहरे पर एक विशेष चमक थी – गौमाता के प्रति श्रद्धा की, प्रकृति से जुड़ाव की और स्वस्थ जीवन के संकल्प की। कार्यक्रम में मौजूद हर व्यक्ति ने महसूस किया कि यह सिर्फ शरीर का व्यायाम नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और प्रकृति के प्रति समर्पण का एक गहरा अनुभव था। ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ का विराट संदेश: योग से गौ-आधारित जीवनशैली की ओर
ऋषिकेश से रामेश्वरम तक 10,000 किलोमीटर से अधिक की इस 61 दिवसीय ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ का मकसद सिर्फ शहरों-गाँवों से गुजरना नहीं, बल्कि लोगों को गौमाता के महत्व, प्राकृतिक कृषि और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक करना है। योग दिवस पर ‘गौमाता संग योग’ का यह आयोजन इसी विराट संदेश का एक अभिन्न हिस्सा था। गौसेवकों का मानना है कि गौमाता न केवल हमारी संस्कृति की रीढ़ हैं, बल्कि वे पर्यावरण संतुलन और शुद्ध आहार का भी आधार हैं।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर श्री प्रवीण सेठी, श्रीमती वंदना सेठी, श्री शैल सिंह और कई अन्य गौभक्त भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस अनूठी पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन हमें अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और आने वाली पीढ़ियों को गौमाता के महत्व और योग के आध्यात्मिक लाभों से परिचित कराते हैं। दिल्ली में गौमाता और योग का यह संगम, निश्चित रूप से देश को एक स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगा।
देशवासियों से अपील: गौराष्ट्र निर्माण में बनें सहभागी!
इस पवित्र अवसर पर, ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ समिति हम सभी देशवासियों से विनम्र अपील करती है:
आइए, गौराष्ट्र निर्माण में सहभागी बनें।
गाय बचेगी तो संस्कृति बचेगी।
संस्कृति बचेगी तो राष्ट्र बचेगा।
🚩 गौराष्ट्र यात्रा – भारत के पुनर्निर्माण की ओर एक कदम।
जय गौमाता! जय भारत!
यात्रा की पल-पल की अपडेट और विशेष रिपोर्ट के लिए विजिट करें: www.khabarkisanki.com
संपर्क हेतु:
- भारत सिंह राजपुरोहित: 9772923956
- रवि: 9719763911
- ईमेल: gousevaa@gmail.com
- वेबसाइट: www.gaurashtrayatra.com