गौ आधारित भारत के पुनर्निर्माण के पावन संकल्प के साथ उत्तराखंड के पवित्र ऋषिकेश से शुरू हुई ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ आज अपने पहले और अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ाव पर देवभूमि हरिद्वार पहुँची। यहाँ सनातन धर्म के हृदय, हर की पैड़ी पर, यात्रा की पूरी टीम ने एक अविस्मरणीय और भक्तिमय पल जिया। श्री गंगा सभा के आचार्यों और पुजारियों के सान्निध्य में शाम को आयोजित हुई भव्य माँ गंगा की आरती में सभी सदस्य शामिल हुए, और इस पावन अवसर पर उन्होंने भारत को गौमय, ग्राममय और आत्मनिर्भर बनाने का दृढ़ संकल्प लिया।
हर की पैड़ी पर आस्था का अद्भुत संगम: गंगाजल लेकर बढ़ी यात्रा
जैसे ही शाम ढली और हर की पैड़ी पर आरती के मंत्र गूँजने लगे, यात्रा का नेतृत्व कर रहे प्रमुख सदस्य – भारत सिंह राजपुरोहित (अध्यक्ष, जीव जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान – AWARI), नरेंद्र कुमार (संस्थापक, हिंद राइज गौ संवर्धन आश्रम और राष्ट्रीय गौसेवक संघ), रोहित बिष्ट (संस्थापक, माटी इंडिया) और अंकित शर्मा (संस्थापक, खबर किसान की) – अपनी टीम के साथ माँ गंगा की अद्भुत छटा के साक्षी बने। हजारों दीपों की रोशनी और गंगा स्तुति के मधुर स्वरों के बीच, टीम ने गौ सेवा और राष्ट्र निर्माण के अपने लक्ष्य को पुनः समर्पित किया।
इस विशेष अवसर पर, यात्रा के सदस्यों ने श्री गंगा सभा – हर की पैड़ी से पवित्र गंगाजल भी ग्रहण किया। यह पवित्र जल यात्रा के दौरान विभिन्न पड़ावों पर ले जाया जाएगा, जो इस महाअभियान की शुद्धता, इसके आध्यात्मिक आधार और भारत की नदियों तथा संस्कृति के प्रति सम्मान का प्रतीक बनेगा। गंगाजल लेकर टीम ने अपनी यात्रा को अगले पड़ाव की ओर बढ़ाया, जिससे यह संदेश गया कि यह केवल एक भौतिक यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का आंदोलन है।
श्रद्धा, ऊर्जा और अटूट संकल्प से ओत-प्रोत प्रथम दिवस
‘गौ राष्ट्र यात्रा’ का प्रथम दिवस, ऋषिकेश से हरिद्वार तक, श्रद्धा, ऊर्जा और अटूट संकल्प से पूरी तरह भरा रहा। गंगा के किनारे, संतों और भक्तों के बीच बिताया गया समय यात्रा के मूल उद्देश्य को और मजबूत करता है। यात्रा का हर कदम गौमाता के चरणों में समर्पित है। टीम का लक्ष्य सिर्फ सड़क पर चलना नहीं, बल्कि देशभर में गौवंश और गौपालकों की वास्तविक स्थितियों को गहराई से समझना, उनकी संघर्ष गाथाओं और सफलताओं को देश और दुनिया के सामने लाना है। इसका अंतिम लक्ष्य गौ आधारित अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक मूल्यों और ग्रामीण जीवनशैली को फिर से स्थापित कर एक सशक्त भारत का निर्माण करना है।
हर की पैड़ी पर माँ गंगा की पवित्र गोद में लिए गए संकल्प ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह केवल एक सड़क यात्रा नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को पुनर्जीवित करने का एक विशाल महायज्ञ है। यह अभियान ग्राम स्वराज, गोपालन और सच्चे आत्मनिर्भर भारत के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहाँ गाय केवल एक पशु नहीं, बल्कि समृद्धि और संस्कृति का आधार बने।
इस प्रेरणादायी ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ की पल-पल की अपडेट, विशेष रिपोर्ट और तस्वीरें आपको www.khabarkisanki.com पर लगातार मिलती रहेंगी। आइए, इस ऐतिहासिक सफर का हिस्सा बनें और गौ, गाँव और संस्कृति के संगम की ओर कदम बढ़ाकर एक नए भारत के निर्माण में अपना योगदान दें!