राष्ट्रव्यापी ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ ने आज गुजरात के अहमदाबाद में एक महत्वपूर्ण पड़ाव डाला, जहाँ सुरभि शक्तिपीठ, भाट में उनका अत्यंत गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। इस अवसर पर आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में, यात्रा के संयोजक और गौ-संरक्षण के प्रबल पैरोकार श्री भारत सिंह राजपुरोहित ने भारत को पुनः गौ-आधारित समाज और अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए सभी वर्गों को एकजुट होने का भावुक और दृढ़ आह्वान किया।
अहमदाबाद में गौ-भक्तों का उत्साह और एकजुटता
सुरभि शक्तिपीठ, भाट में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही गौ राष्ट्र यात्रा टीम का स्थानीय गौ-भक्तों और आयोजकों द्वारा भव्य अभिनंदन किया गया। इस दौरान वातावरण ‘गौमाता की जय’ और ‘गौ राष्ट्र’ के नारों से गूँज उठा, जो गौ-संरक्षण के प्रति समाज के गहरे समर्पण को दर्शाता है। यह उत्साह इस बात का प्रमाण था कि गौमाता के प्रति प्रेम और सम्मान पूरे देश में व्याप्त है।
इस महत्वपूर्ण सभा में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कई गौभक्त उपस्थित थे, जिनमें विष्णु भाई, बलदेव, हरीश, हुकम सिंह, तुलसी भाई जावल, विक्रम बिलाड़, महिपाल भीनमाल, प्रवीण सिंह और दिनेश सिंह जैसे प्रमुख नाम शामिल थे। इन सभी ने मिलकर गौ राष्ट्र यात्रा के उद्देश्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और श्री राजपुरोहित के विचारों का पुरजोर समर्थन किया।
भारत सिंह राजपुरोहित का दूरदर्शी आह्वान: गौ-आधारित राष्ट्र का पुनर्स्थापन
अपने उद्बोधन में, श्री भारत सिंह राजपुरोहित ने गौमाता के अतुलनीय महत्व और उनके बिना एक सशक्त, समृद्ध व आत्मनिर्भर भारत की कल्पना की अपूर्णता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “गौमाता केवल एक पशु नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, हमारी अर्थव्यवस्था और हमारे स्वास्थ्य का आधार स्तंभ हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्राचीन भारतीय परंपराओं में गौधन का केंद्रीय स्थान रहा है, और अब समय आ गया है कि इस गौरवशाली परंपरा को पुनः स्थापित किया जाए।
श्री राजपुरोहित ने सभी उपस्थित लोगों और पूरे समाज से अपील की कि वे अपने मतभेदों को भुलाकर गौमाता के संरक्षण और गौ-आधारित जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आएं। उन्होंने कहा कि गौ-आधारित कृषि, पंचगव्य उत्पादों का उपयोग और गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना ही ‘गौ-आधारित भारत पुनर्स्थापन’ का मार्ग प्रशस्त करेगा। उनका आह्वान केवल शब्दों तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक साझा दृष्टिकोण और सामूहिक कार्रवाई की प्रेरणा था।
यात्रा का बढ़ता प्रभाव और भविष्य की दिशा
अहमदाबाद में गौ राष्ट्र यात्रा का यह पड़ाव गौ-संरक्षण आंदोलन को एक नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करने वाला साबित हुआ। यहाँ उपस्थित गौभक्तों ने गौमाता के सम्मान और सेवा के लिए एकजुट होकर काम करने का प्रण लिया। यह यात्रा देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर गौ-चेतना जागृत कर रही है और लोगों को इस पुनीत कार्य से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही है। ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ का लक्ष्य केवल जागरूकता फैलाना नहीं है, बल्कि ऐसे ठोस कदम उठाना है जिससे गौमाता का महत्व समाज में पुनः स्थापित हो और वे भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग बन सकें।