मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का देसी गौवंश के प्रति गहरा प्रेम और किसानों के कल्याण से उनका लगाव एक बार फिर देखने को मिला है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर, मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास में देसी गायों का स्वागत किया, जिसका वीडियो और संदेश उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर साझा किया। यह घटना न केवल उनकी व्यक्तिगत आस्था को दर्शाती है, बल्कि गौसेवा और देसी गौवंश के पालन के लिए एक बड़ा प्रेरणा स्रोत भी बन गई है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर गौसेवा का संकल्प
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ दिन पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वे सपरिवार गौसेवा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, “श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर गौमाता का आगमन… आज भोपाल निवास में श्रीकृष्ण की कृपा स्वरूप गौमाता के आगमन से ह्रदय आनंदित है। गौसेवा के सौभाग्य में इस वृद्धि पर ईश्वर से प्रदेशवासियों के कल्याण की प्रार्थना की।”
यह भावुक संदेश और वीडियो दिखाता है कि मुख्यमंत्री के लिए गौमाता सिर्फ एक पशु नहीं, बल्कि एक पवित्र प्रतीक हैं, जिनकी सेवा करना सौभाग्य की बात है। उनका यह कदम लोगों को यह संदेश देता है कि आधुनिक जीवनशैली में भी हमारी जड़ों और परंपराओं को नहीं भूलना चाहिए।
क्यों है देसी गाय की सेवा जरूरी?
मुख्यमंत्री का यह प्रयास देसी गायों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक जीवंत उदाहरण है। देसी गायों का दूध, घी और पंचगव्य न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि यह किसानों के लिए आय का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है। जैविक खेती में इनके गोबर और गौमूत्र का उपयोग कर किसान अपनी लागत कम कर सकते हैं और मिट्टी की उर्वरता बढ़ा सकते हैं।
डॉ. यादव का यह व्यक्तिगत उदाहरण लाखों लोगों को प्रेरित करेगा कि वे देसी गौवंश का महत्व समझें और उनके पालन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। यह कदम गौ संरक्षण के प्रयासों को बल देगा और आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सपने को साकार करने में मदद करेगा।





