देश में एक बार फिर से बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है। इस बार बर्ड फ्लू के मामलों की शुरुआत हुई है उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से, यहां बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) के बढ़ते खतरे ने जिला प्रशासन और नगर निगम को हाई अलर्ट पर ला दिया है। शहर के शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान और चार चिकन दुकानों से लिए गए सैंपलों में बर्ड फ्लू (H5N1 और H9N2 वायरस) की पुष्टि होने के बाद त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिला प्रशासन ने अगले 21 दिनों तक सभी चिकन और पोल्ट्री दुकानों को बंद करने का आदेश जारी किया है, साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में सघन सैनिटाइजेशन अभियान चलाया जा रहा है।
त्वरित कार्रवाई और सैनिटाइजेशन
गोरखपुर के झुंगिया बाजार, एल्यूमिनियम फैक्ट्री (हड़हवा फाटक), तारामंडल, और भगत चौराहा जैसे क्षेत्रों से लिए गए सैंपलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने तत्काल कदम उठाए। नगर निगम और पशुपालन विभाग की संयुक्त टीमों ने इन क्षेत्रों की 19 दुकानों से लगभग 695 मुर्गों को मारकर सुरक्षित रूप से दफनाया। प्रभावित क्षेत्रों के 1 किलोमीटर के दायरे को ‘संक्रमित जोन’ घोषित कर वहाँ व्यापक सैनिटाइजेशन किया गया।
नगर आयुक्त गौरव सिंह सौगरवाल ने बताया, “प्राणी उद्यान में बर्ड फ्लू के मामलों के बाद हमने तुरंत शहर के विभिन्न हिस्सों से सैंपल एकत्र किए। भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD) से पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने पर भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। हमारा लक्ष्य वायरस के प्रसार को रोकना और जनता को सुरक्षित रखना है।”
प्राणी उद्यान में सतर्कता
आपको बता दें कि, अब तक शहीद अशफाक उल्ला खान प्राणी उद्यान में बर्ड फ्लू के कारण पहले ही पाँच जानवरों (दो शेर, एक बाघ, एक तेंदुआ, और एक भेड़िया) की मौत हो चुकी है। चिड़ियाघर को 3 जून तक दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया है, और कर्मचारियों के लिए PPE किट अनिवार्य कर दी गई है। मृत कौवों और अन्य पक्षियों के सैंपल में भी H5N1 और H9N2 वायरस की पुष्टि हुई है, जिसके बाद बाड़ों को ढकने और नियमित सैनिटाइजेशन जैसे कदम उठाए गए हैं।
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन और नगर निगम ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और सावधानी बरतने की अपील की है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने कहा, “लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। अच्छी तरह पका हुआ (70°C से अधिक तापमान पर) चिकन और अंडे खाना सुरक्षित है। मरे हुए या बीमार पक्षियों से दूर रहें और ऐसी स्थिति में तुरंत पशु चिकित्सा विभाग को सूचित करें।”
रैपिड रिस्पांस और निगरानी
जिला प्रशासन ने रैपिड रिस्पांस टीम को सक्रिय कर दिया है, और सदर पशु चिकित्सालय में एक विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, और पशुपालन विभाग की टीमें डोर-टू-डोर सर्वे और जागरूकता अभियान चला रही हैं। मुनादी के माध्यम से लोगों को चिकन और पोल्ट्री उत्पादों के सेवन से बचने की सलाह दी जा रही है।
किसानों और व्यापारियों के लिए सुझाव
- किसानों को सलाह: पोल्ट्री फार्म में स्वच्छता बनाए रखें और पक्षियों में असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत सूचना दें।
- व्यापारियों के लिए: बिना अनुमति दुकानें न खोलें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई होगी।
- आम जनता: मरे हुए पक्षियों को न छुएँ और बर्ड फ्लू के लक्षण (बुखार, खाँसी, साँस लेने में तकलीफ) दिखने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
गोरखपुर प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और सतर्कता से बर्ड फ्लू के प्रसार को नियंत्रित करने की उम्मीद है। नागरिकों से सहयोग और सावधानी की अपेक्षा की जा रही है ताकि यह संकट जल्द से जल्द खत्म हो।