जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWARI) के अध्यक्ष श्री भारत सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में चल रही राष्ट्रव्यापी ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ ने आज गुजरात के भाभर में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक पड़ाव डाला। इस यात्रा का भव्य स्वागत किया गया, जहाँ टीम ने बड़े पैमाने पर की जा रही गौ-सेवा और गौ-आधारित नवाचारों का प्रत्यक्ष अनुभव किया।
जालाराम गौशाला में अद्भुत सेवा का दर्शन
यात्रा का पहला पड़ाव भाभर की प्रसिद्ध जालाराम गौशाला रहा, जहाँ श्री राजपुरोहित और उनकी टीम का स्थानीय गोभक्तों और गौशाला प्रबंधन द्वारा गर्मजोशी से अभिनंदन किया गया। श्याम पुरोहित (धेनुप्रसाद एग्रोवेट प्राइवेट लिमिटेड), जालाराम गौशाला के चतुर भाई ठक्कर, डॉ. कन्हैया लाल पांचाल, कल्पेश भाई ठक्कर, चेतन भाई ठक्कर और संजय भाई सहित कई प्रमुख हस्तियों ने यात्रा दल का स्वागत किया। गौशाला में मौजूद 12,000 गायों की विशाल संख्या और उनकी निस्वार्थ सेवा देखकर यात्रा के सभी सदस्य अभिभूत हो गए। श्री राजपुरोहित ने इस पैमाने पर गौ-सेवा के प्रबंधन और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यह देश में गौ-संरक्षण के प्रयासों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।
नवाचार की ओर एक कदम: विश्व की पहली गौ-मूत्र डेयरी का दौरा
जालाराम गौशाला के अनुभव के बाद, ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ ने एक और उल्लेखनीय स्थल – विश्व की पहली गौ-मूत्र डेयरी – का दौरा किया। यहाँ भावेश भाई, मदन जी (डेयरी के निदेशक) और अन्य सदस्यों ने यात्रा टीम का स्वागत किया। यह अनोखी पहल गौ-उत्पादों के आर्थिक उपयोग और नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गौ-मूत्र से विभिन्न उत्पादों का निर्माण न केवल गौशालाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ाता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नए अवसर भी पैदा करता है। इस डेयरी का भ्रमण ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ के ‘आस्था से अर्थव्यवस्था’ के सिद्धांत को प्रत्यक्ष रूप से दर्शाता है।
श्री सीताराम गौशाला ट्रस्ट में संवाद और संकल्प
यात्रा का अगला पड़ाव श्री सीताराम गौशाला ट्रस्ट, सिसोदर था, जहाँ श्री भारत सिंह राजपुरोहित ने गोभक्तों के एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित किया। इस सभा में छोगाराम जी भगत, डायाराम माली, परषोत्तम भाई देसाई, बाबू भाई जोशी, हितेंद्र भाई त्रिवेदी, कांति भाई जोशी, गोवर्धन भाई जोशी, रणछोड़ भाई और महादेव भाई देसाई सहित बड़ी संख्या में स्थानीय गोभक्तों ने उपस्थित होकर यात्रा का स्वागत किया। श्री राजपुरोहित ने अपने संबोधन में गौमाता के महत्व, उनके संरक्षण की आवश्यकता और गौ-आधारित जीवन शैली के लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्थानीय गोभक्तों को गौ-संरक्षण के प्रयासों में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
निरंतरता का आह्वान: गौ-राष्ट्र यात्रा का बढ़ता प्रभाव
‘गौ राष्ट्र यात्रा’ के इस पड़ाव को लेकर सभी उपस्थित गोभक्तों और स्थानीय लोगों ने अपनी अपार खुशी व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि गौ-संरक्षण और जागरूकता बढ़ाने वाली ऐसी यात्राएँ निरंतर चलनी चाहिए, क्योंकि वे समाज को गौ-सेवा के प्रति एकजुट करती हैं और नई पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं। यह यात्रा गौ-सेवा के प्रति समर्पण, नवाचार, और सामुदायिक जुड़ाव के एक अनूठे संगम को प्रदर्शित कर रही है, जो भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहा है और गौमाता के कल्याण के लिए राष्ट्रीय संकल्प को और अधिक सुदृढ़ कर रहा है।
जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWARI) के बारे में: AWARI एक अग्रणी संस्थान है जो जीव-जंतु कल्याण, कृषि शोध, देसी पशुधन की नस्लों के संरक्षण और गौ-आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के क्षेत्र में कार्य करती है। ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ गौमाता के प्रति जन जागरूकता और उनके समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण राष्ट्रव्यापी पहल है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: भारत सिंह राजपुरोहित अध्यक्ष, जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWARI) मोबाइल: 9772923956 ईमेल: gousevaa@gmail.com