देश में प्री मानसून आगमन के बाद अब मौसम में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार आसमान से आने वाली बारिश की बूंदें कहीं राहत बनेंगी तो कहीं आफत। पूर्वोत्तर भारत से लेकर पश्चिमी घाट तक, कश्मीर की वादियों से लेकर ओडिशा के खेतों तक मौसम का मिजाज बदल रहा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 7 दिन तक बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। 1 जून को असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर के कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। बंगाल और सिक्किम की वादियों में भी 1 जून को मेघ बरसने वाले हैं। इस दौरान यहां के किसानों को सचेत रहने की सलाह दी गई है।
दक्षिण भारत में भी बिजली और तेज़ हवाओं का खतरा मंडरा रहा है। केरल, कर्नाटक, माहे इन क्षेत्रों में 1 से 4 जून तक आसमान में बादल रहेंगे। यहां 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है, साथ ही यहां गरज और बिजली भी दस्तक दे सकती है।
हिमाचल, उत्तराखंड और राजस्थान में 70 किमी/घंटा तक की तूफानी हवाएं चलने की संभावना है। यह फसलों के लिए चुनौती बन सकती हैं। वहीं दिल्ली, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में 1-2 जून को हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है।
मध्य भारत की बात करें तो मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना है। विदर्भ और छत्तीसगढ़ के किसानों को भी सतर्क रहने की ज़रूरत है।
तापमान की बात करें तो आने वाले 2-3 दिनों में देश के कई हिस्सों में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है, तो कहीं तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। उत्तर-पश्चिम भारत में फिलहाल तापमान थोड़ा बढ़ेगा, फिर गिरेगा, और फिर से बढ़ेगा यानी मौसम का मूड इस बार बिल्कुल फिल्मी है।
खबर किसान की इस रिपोर्ट के माध्यम से हम सभी किसानों, पशुपालकों और आम जन से अपील करते हैं कि, मौसम की हर चाल पर नज़र रखें। खेत की मिट्टी भीगती है तो उम्मीदें उगती हैं, लेकिन गरजते बादल कभी-कभी नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।