देश में प्री-मानसून के चलते मौसम में काफ़ी बदलाव देखने को मिल रहा है। एक तरफ पूर्वोत्तर और तटीय इलाकों में बिजली, तूफान, और भारी बारिश का खतरा, तो दूसरी तरफ उत्तर भारत में लू की तपिश। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 6 जून 2025 के लिए विशेष चेतावनी जारी की है, जो किसानों, मछुआरों, और आम नागरिकों के लिए सतर्कता का आह्वान है।
पूर्वोत्तर भारत में खतरा गहरा रहा है। अरुणाचल प्रदेश में बिजली के साथ तूफान और असम-मेघालय में भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन का जोखिम बढ़ गया है। छत्तीसगढ़, पूर्वी राजस्थान, और मध्य प्रदेश में 40-50 किमी/घंटा की तेज हवाएँ और तूफान की आशंका है। आंध्र प्रदेश, कोंकण, गोवा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, और केरल में 30-40 किमी/घंटा की हवाएँ और गरज के साथ बारिश हो सकती है। सोमालिया तट और अरब सागर में 45-55 किमी/घंटा की तेज हवाएँ चलेंगी, इसलिए मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की सलाह है। ओडिशा में गर्म और आर्द्र मौसम के साथ बिजली का खतरा है।
उत्तर भारत में मानसून की देरी ने गर्मी का कहर ढा दिया है। राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, और बीकानेर में पारा 42°C से ऊपर जाएगा, और लू का प्रकोप बढ़ेगा। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी हीट वेव की चेतावनी है। पाकिस्तान से आने वाली गर्म हवाएँ राजस्थान को झुलसाएंगी। पिछले दस दिनों से पश्चिमी विक्षोभ और प्री-मानसून गतिविधियों ने मौसम को ठंडा रखा था, लेकिन अब चक्रवाती परिसंचरण की कमी से शुष्क और गर्म हवाएँ हावी होंगी। मानसून जून के दूसरे सप्ताह तक सीमित रहेगा।
IMD की प्रमुख चेतावनियाँ
- तूफान और बिजली: अरुणाचल, असम, मेघालय, छत्तीसगढ़ में बाढ़ और भूस्खलन का जोखिम।
- हीट वेव अलर्ट: राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में 42°C+, लू से सावधान।
- तटीय खतरा: अरब सागर में 45-55 किमी/घंटा हवाएँ, मछुआरों के लिए अलर्ट।
- मानसून की देरी: प्री-मानसून गतिविधियाँ सीमित, जून के अंत तक इंतजार।
IMD ने किसानों से फसलों की सुरक्षा, मछुआरों से समुद्र से दूरी, और नागरिकों से गर्मी और बिजली से बचाव की अपील की है। प्रशासन को बाढ़, लू, और तूफान से निपटने की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। यह मौसम चेतावनी सतर्कता और प्रकृति के साथ तालमेल की सीख देती है।