मौसम के पूर्वानुमान को लेकर भारत द्वारा स्वदेशी भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS- Bharat Forecast System) लॉन्च कर दिया है, जो मौसम की एकदम सटीक भविष्यवाणी करने में मदद करेगा। इस सिस्टम के जरिए मौसम की ट्रैकिंग शुरू भी हो गई है। इसी बीच, मौसम विभाग ने जून महीने के लिए राहत भरी खबर दी है। मौसम विभाग के अनुसार , जून में देशभर में हीट वेव नहीं चलेगी। इसके साथ ही, खेती प्रधान राज्यों में मॉनसून के सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
मानसून में होगी सामान्य से ज्यादा बारिश
मौसम विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इस बार जून में देशभर में 108 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है, जो सामान्य से अधिक है। पिछली बार के 105 प्रतिशत के मुकाबले इस बार पूरे मॉनसून सीजन (1 जून से 30 सितंबर) में 106 प्रतिशत बारिश की उम्मीद जताई गई है। मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक बारिश होगी, जबकि उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य बारिश और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश की संभावना है। जून में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश होगी, हालांकि प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में बारिश सामान्य से कम रहेगी।
प्री मॉनसून में भी हुईं अच्छी बारिशें
प्री मॉनसून सीजन में भी देशभर में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। जून में रात के तापमान में वृद्धि की संभावना है, यानी रातें गर्म रहेंगी। मानसून की रफ्तार 3 से 4 दिन तक इसी तरह बनी रह सकती है। बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बन चुका है, जो मॉनसून को और तेज करेगा।
दुनिया का सबसे उन्नत मौसम मॉडल
जानकार बता रहे हैं कि, भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS) दुनिया का सबसे उन्नत मौसम मॉडल है, जो 6 किलोमीटर के ग्रिड पर काम करता है। इसका मकसद छोटे पैमाने पर होने वाले मौसम के बदलावों की सटीक भविष्यवाणी करना है। यह सिस्टम आपदा जोखिम को कम करने, खेती, पानी के प्रबंधन और जनता की सुरक्षा के लिए पंचायत स्तर तक सटीक जानकारी देगा। इसके लिए ‘अर्क’ नाम का नया सुपर कंप्यूटर लगाया गया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो मौसम विज्ञान में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। BFS की मदद से पंचायत स्तर तक सटीक मौसम पूर्वानुमान संभव हो सकेगा, जिससे आपदाओं से होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
यह नई तकनीक न सिर्फ किसानों को फायदा पहुंचाएगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था और जनता की सुरक्षा के लिए भी अहम साबित होगी।