विदिशा, मध्य प्रदेश: सोचिए! आप अपनी दुकान पर बैठे हों, या गाँव की सड़क पर खड़े हों, और अचानक जिले का कलेक्टर खुद आपसे मिलने आ जाए? जी हाँ, विदिशा में ठीक ऐसा ही हुआ, यहाँ कलेक्टर अंशुल गुप्ता आज अपने सरकारी दफ्तर से निकलकर सीधे ग्रामीण जनता के बीच पहुँच गए। उन्होंने शमशाबाद से लेकर लटेरी तक, हर जगह ताबड़तोड़ औचक निरीक्षण किए, किसानों से सीधी बात की और खाद-बीज की दुकानों व सरकारी गोदामों का जायजा लिया। उनका यह सक्रिय और जन-उन्मुख अंदाज़ विदिशा में सुशासन की एक नई मिसाल पेश कर रहा है।
विदिशा जिले के कलेक्टर श्री अंशुल गुप्ता आज अपने प्रशासनिक कार्यालय से निकलकर सीधे जनता के बीच पहुँच गए। इस दौरान कलेक्टर ने न सिर्फ किसानों से सीधा संवाद साधा, बल्कि खाद-बीज की दुकानों और सरकारी वेयरहाउस का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को परखा। उनका यह सक्रिय और संवेदनशील अंदाज़ विदिशा में सुशासन की नई मिसाल पेश कर रहा है।
खाद-बीज माफिया पर कलेक्टर की पैनी नज़र: स्टॉक का हुआ ताबड़तोड़ निरीक्षण
कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए, शमशाबाद में निजी खाद, बीज और कीटनाशक विक्रेता राधारानी ट्रेडर्स पर अचानक दस्तक दी। उन्होंने दुकान में उपलब्ध स्टॉक की पूरी जानकारी ली और एक-एक चीज का बारीकी से मुआयना किया।
- सख्त निर्देश: तत्काल साथ चल रहे डीपीसी (District Project Coordinator) को आदेश दिया कि वे राधारानी ट्रेडर्स में भंडारित पूरे स्टॉक की गिनती करें और उसकी मिलान रिपोर्ट बिना देरी के प्रस्तुत करें।
- सरकारी व्यवस्थाओं की जाँच: इसके बाद, कलेक्टर अंशुल गुप्ता सीधे शमशाबाद के डबल लॉक मार्कफेड वेयरहाउस पहुँचे। यहाँ उन्होंने खाद के विशाल स्टॉक और संबंधित रजिस्टरों की गहन जाँच की, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
- अनिवार्य ‘सील’ का फरमान: एक बड़ा कदम उठाते हुए, कलेक्टर ने निर्देश दिया कि अब जिले में सभी शासकीय विक्रय केंद्रों और भंडारित स्टॉक पर एक विशेष सील (मोहर) लगाना अनिवार्य होगा। इस मोहर पर स्पष्ट रूप से ‘शासकीय केंद्र से विक्रीत मार्कफेड विदिशा’ अंकित होगा और इसे हर खाद की बोरी पर लगाना ज़रूरी होगा। इस व्यवस्था की तत्काल जांच-परख भी की गई, ताकि किसानों तक केवल प्रमाणित और सही उत्पाद ही पहुँच सकें।
लटेरी में जनसंवाद: कलेक्टर ने खुद सुनी गाँव की ‘पानी-बिजली’ की पुकार
अपने लटेरी प्रवास के दौरान, कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने ग्राम मुस्करा में एक ऐसी पहल की, जिसने ग्रामीणों का दिल जीत लिया। वे सड़क किनारे खड़े ग्रामीणों के बीच अनायास ही पहुँच गए और बिना किसी औपचारिक तामझाम के उनसे सीधा संवाद शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से उनके गाँव की मूलभूत सुविधाओं, विशेषकर पानी और बिजली की समस्याओं को बहुत गंभीरता से सुना और उन्हें हल करने का आश्वासन दिया।
- जल संचय का आह्वान: कलेक्टर श्री गुप्ता ने ग्रामीणों को पानी की हर बूँद बचाने और जल संचय के महत्व को समझाया। उन्होंने उन्हें अधिक से अधिक जल संचय संरचनाओं का निर्माण कराने और इसके लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का बढ़-चढ़कर लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।
‘धरती आबा अभियान’ में लाभार्थियों से सीधा जुड़ाव
कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने ‘धरती आबा अभियान’ के तहत लटेरी तहसील के रायपुरा में आयोजित एक लाभ संतृप्ति शिविर में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यहाँ उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं से सीधे लाभान्वित हुए हितग्राहियों और अन्य ग्रामीणों से खुलकर बातचीत की।
- योजनाओं के उद्देश्यों पर प्रकाश: उन्होंने शिविर के लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया और विभागवार जानकारी ली कि कितनी संख्या में लोग किन-किन योजनाओं से वाकई लाभान्वित हो पाए हैं। यह पहल यह सुनिश्चित करने के लिए थी कि सरकारी योजनाएं कागजों पर नहीं, बल्कि वास्तव में ज़रूरतमंदों तक पहुँच रही हैं।
कलेक्टर अंशुल गुप्ता का यह जमीनी और लोक-उन्मुख दृष्टिकोण विदिशा जिले में प्रशासन और जनता के बीच सीधा पुल बना रहा है। उनके दौरे से न केवल व्यवस्थाओं की पारदर्शिता बढ़ी, बल्कि जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास भी गहरा हुआ है।