एक बार फिर टमाटर अपनी बढ़ती कीमतों के बाद लाल हो चुका है। टमाटर की कीमतें दिल्ली-NCR में 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंचकर रसोई का बजट बिगाड़ रही हैं। नोएडा के कुछ इलाकों में यह 65 रुपये तक पहुंच गया है। गर्मी, बारिश और आपूर्ति की भारी कमी ने टमाटर को रसोई से दूर कर दिया है।इस खबर की मदद से जानिए आखिर क्यों इतना महंगा हुआ टमाटर ?
आपूर्ति का संकट:
मंडी के जानकार बताते हैं कि, बीते महीने तक राजस्थान और हरियाणा से दिल्ली-NCR की मंडियों में टमाटर की अच्छी खासी आवक थी, लेकिन किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम नहीं मिल रहा था। कम कीमतों से निराश होकर कई किसानों ने टमाटर की तुड़ाई बंद कर दी, जिससे आपूर्ति पर ब्रेक लग गया। अब टमाटर मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के करनाल, और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों से आ रहा है। दक्षिण में कर्नाटक से भी सीमित मात्रा में टमाटर की सप्लाई हो रही है, लेकिन यह मांग को पूरा करने के लिए काफी नहीं है।
मौसम की मार:
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश और 50-60 किमी/घंटा की आंधी ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। उत्तर भारत में लू और गर्मी ने हिमाचल और यूपी के टमाटर उत्पादन को प्रभावित किया है। बारिश ने परिवहन को भी बाधित किया, जिससे मंडियों में टमाटर की आवक और कम हो गई है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में थोक दाम 30-45 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं, जो पिछले महीने 20-25 रुपये थे।
बाजार का हाल:
दिल्ली-NCR में टमाटर 60 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। कुछ किराना दुकानों पर अच्छी क्वालिटी के टमाटर 65-70 रुपये में मिल रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे जियो मार्ट और ब्लिंकिट पर भी दाम 55-65 रुपये प्रति किलो हैं। एक स्थानीय विक्रेता ने बताया, “कम आपूर्ति और बारिश की वजह से टमाटर की क्वालिटी भी खराब है, और दाम बढ़ गए हैं।”
किसानों और उपभोक्ताओं की परेशानी:
कम कीमतों के कारण राजस्थान और हरियाणा के किसानों ने टमाटर निकालना बंद कर दिया, जिससे उनकी आय पर असर पड़ा। एक किसान ने कहा, “20-25 रुपये किलो में लागत भी नहीं निकल रही थी, तो तुड़ाई बंद कर दी। अब बारिश ने बची-खुची फसल भी खराब कर दी।” दूसरी ओर, उपभोक्ता महंगाई से त्रस्त हैं। नोएडा की एक गृहिणी ने कहा, “टमाटर के बिना खाने का स्वाद फीका है, लेकिन अब आधा किलो ही खरीद पा रहे हैं।”
राहत कब तक?
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि टमाटर की कीमतें जुलाई के मध्य तक ऊंची रह सकती हैं, जब तक मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश से नई फसलों की आवक शुरू नहीं होती। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) के जरिए दिल्ली-NCR में 65 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर बेचने की पहल शुरू की है, जो नोएडा और दिल्ली के चुनिंदा बाजारों में उपलब्ध है। हालांकि, बारिश और परिवहन की समस्याएँ खत्म होने तक दाम पूरी तरह स्थिर होने की उम्मीद कम है।
क्या करें उपभोक्ता और किसान?
IMD ने कर्नाटक और तेलंगाना में भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे टमाटर की आपूर्ति और प्रभावित हो सकती है। किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों को बारिश से बचाने के लिए शेड या ड्रेनेज सिस्टम का प्रयोग करें। उपभोक्ताओं को NCCF की मोबाइल वैन या स्थानीय मंडियों से टमाटर खरीदने की सलाह दी गई है, जहाँ दाम थोड़े किफायती हो सकते हैं। साथ ही, टमाटर का कम उपयोग कर प्याज, गाजर या अन्य सब्जियों पर ध्यान देना एक व्यावहारिक उपाय हो सकता है।