केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान कल, गुरुवार, 26 जून को मध्य प्रदेश के इंदौर में सोयाबीन उत्पादन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं। यह बैठक उनकी उस घोषणा के क्रम में आयोजित हो रही है, जहाँ उन्होंने उपजवार और राज्यवार प्रमुख फसलों के विकास पर विशेष ध्यान देने की बात कही थी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और देश में तिलहन उत्पादन को मजबूत करना है।
खेतों का दौरा, किसानों से संवाद और फार्म रिसोर्स हब का शिलान्यास
अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य बैठक से पहले सोयाबीन के खेतों का दौरा करेंगे। इस दौरान वे सीधे किसानों से संवाद स्थापित करेंगे ताकि उनकी चुनौतियों और आवश्यकताओं को जमीनी स्तर पर समझा जा सके। इसके साथ ही, मंत्री चौहान एक फार्म रिसोर्स हब का शिलान्यास भी करेंगे, जो कृषि क्षेत्र में संसाधनों तक किसानों की पहुँच को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
यह महत्वपूर्ण बैठक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर में आयोजित की जा रही है। इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के कृषि मंत्रियों सहित सोयाबीन उत्पादक प्रमुख राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, संबद्ध संस्थानों के पदाधिकारी, प्रगतिशील किसान और अन्य सभी हितधारक शामिल होंगे।
सोयाबीन उत्पादन पर गहन मंथन: चुनौतियाँ और भावी प्रयास
बैठक में ‘खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन-तिलहन’ पर एक विशेष प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। इसके बाद सोयाबीन के इतिहास, वर्तमान परिदृश्य, उत्पादन से जुड़ी चुनौतियों और भविष्य में उत्पादकता बढ़ाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर विस्तार से विचार-विमर्श होगा। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं किसानों, सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा), सोया खाद्य उद्योग, तेल उद्योग, बीज उत्पादकों, किसान उत्पादक संगठनों, राज्यों और केंद्र के कृषि विभाग, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति/निदेशक अनुसंधान, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डीडब्ल्यूआर और सीआईएई के निदेशकों सहित सभी प्रमुख हितधारकों से गहन चर्चा करेंगे।
हाल ही में सफलतापूर्वक चलाए गए 15 दिवसीय ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अनुभवों को आगे बढ़ाते हुए यह बैठक आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य ‘लैब टू लैंड’ विजन को साकार करना है। मंत्री चौहान ने बताया है कि सोयाबीन के बाद दलहन, तिलहन, कपास, गन्ना और अन्य प्रमुख फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए भी इसी तरह की फसलवार और राज्यवार बैठकें आने वाले दिनों में विभिन्न राज्यों में आयोजित की जाएंगी। यह पहल कृषि क्षेत्र में किसानों तक बेहतर जानकारी पहुँचाने और उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।