केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST-K), श्रीनगर के छठे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने जम्मू-कश्मीर को विश्वस्तरीय ‘हॉर्टिकल्चर हब’ बनाने का संकल्प दोहराया और कृषि विद्यार्थियों से खेती में नवाचार और स्टार्टअप शुरू करने का आह्वान किया।
समारोह में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला, उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र चौधरी, राज्य के कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री जावेद अहमद डार, शिक्षा मंत्री सुश्री सकीना मसूद सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
‘विकसित भारत’ के लिए ‘विकसित जम्मू-कश्मीर’: अन्न भंडार भरे, अब हॉर्टिकल्चर में दुनिया को दिखाएंगे राह
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में देश के अन्न भंडार भरे हुए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में 44 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें चावल, गेहूं, मक्का, सोयाबीन और मूंगफली सहित सभी प्रमुख फसलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई है।
श्री चौहान ने जम्मू-कश्मीर के प्रति अपना गहरा लगाव व्यक्त करते हुए कहा कि यहाँ की हवा की शीतलता, मिट्टी की सुगंध, प्राकृतिक सौंदर्य और लोगों के प्यार ने उनका मन मोह लिया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को भारत का ‘मुकुटमणि’ बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का ‘विकसित भारत का निर्माण’ का संकल्प ‘विकसित जम्मू-कश्मीर’ और ‘समृद्ध किसान’ के बिना अधूरा है, और इस लक्ष्य को हर हाल में पूरा किया जाएगा। उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री के साथ कृषि और ग्रामीण विकास पर हुई व्यापक समीक्षा बैठक का भी जिक्र किया, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर का और तेजी से विकास करना है। मंत्री ने श्रीनगर में आम लोगों से मिली अद्भुत आत्मीयता का भी उल्लेख किया, जिसमें डल झील के एक शिकारा चालक का विनम्र स्नेह भी शामिल था, जिसे वे पूरे देश के साथ साझा करेंगे। उन्होंने SKUAST-K की उपलब्धियों की भी सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय जल्द ही राज्य विश्वविद्यालयों की सूची में नंबर वन बनेगा।
दीक्षांत: ज्ञान का अंत नहीं, नई शुरुआत का आह्वान
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने दीक्षांत समारोह के वास्तविक अर्थ को समझाया। उन्होंने कहा कि “दीक्षांत का मतलब दीक्षा का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है।” उन्होंने जोर दिया कि छात्रों ने कक्षा से लैब तक जो ज्ञान अर्जित किया है, अब उसे समाज में बांटने और व्यवहारिक रूप से लागू करने का समय है। श्री चौहान ने कृषि के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और देश की आधी से ज़्यादा आबादी को रोज़गार इसी क्षेत्र से मिलता है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के शब्दों का स्मरण करते हुए कहा कि हर व्यक्ति अनंत शक्तियों का भंडार है और उसे जीवन में लक्ष्य निर्धारित कर प्रगति मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए।
कृषि में नवाचार और निर्यात पर फोकस
श्री चौहान ने जम्मू-कश्मीर के अद्भुत फल, फूल और सब्जियों के स्वाद की प्रशंसा करते हुए कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में उनका संकल्प है कि जम्मू-कश्मीर को पूरी दुनिया का हॉर्टिकल्चर हब बनाकर रहेंगे। उन्होंने ‘समग्र कृषि विकास कार्यक्रम’ के सफल कार्यान्वयन पर भी बात की और बताया कि ‘एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH)’ योजना के तहत ‘क्लीन प्लांट’ की स्थापना का निर्णय लिया गया है। उनका लक्ष्य है कि जम्मू-कश्मीर का सेब दुनिया भर में निर्यात हो, बजाय इसके कि हमें सेब आयात करना पड़े।
उन्होंने कृषि विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे खेती में नए स्टार्टअप शुरू करें, आधुनिकतम प्रौद्योगिकियों का निर्माण करें और अभिनव प्रयासों के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि “आपका जीवन केवल आपके लिए नहीं है, औरों के लिए जीना ही असली जीवन है।” उन्होंने सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
विकसित भारत का संकल्प: कृषि की छह-सूत्रीय रणनीति
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में कृषि के लिए बनाई गई छह-सूत्रीय रणनीति का भी उल्लेख किया। इस रणनीति में उत्पादन बढ़ाना, लागत कम करना, ठीक दाम सुनिश्चित करना, नुकसान की स्थिति में सही मुआवजे की व्यवस्था, कृषि का विविधीकरण और भावी पीढ़ी के लिए धरती सुरक्षित रखते हुए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में केंद्र सरकार राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर हरसंभव कदम उठा रही है।
अंत में, उन्होंने ‘युद्ध नहीं शांति, घृणा नहीं प्रेम’ के मूलमंत्र के साथ जम्मू-कश्मीर और पूरे देश को आगे बढ़ाने के लिए सबको मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत दुनिया का ‘फूड बास्केट’ अवश्य बनेगा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी पहचान और मजबूत होगी। इस दीक्षांत समारोह में 5,250 विद्यार्थियों को स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गईं, जबकि मेधावी छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए 150 स्वर्ण पदक और 445 मेरिट प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया।