नई दिल्ली, 11 जून 2025: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली के तिग्गीपुर गाँव में किसानों के बीच चौपाल और सभा आयोजित कर उनकी समस्याओं को सुना और समाधान का भरोसा दिलाया। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और कृषि विज्ञान केंद्र दिल्ली द्वारा आयोजित इस दौरे में मंत्री ने वैज्ञानिकों के साथ मिलकर किसानों से सीधा संवाद किया। इसका मकसद था खेती की चुनौतियों को समझना और नई तकनीकों को गाँव तक पहुँचाना।
तिग्गीपुर पहुँचने पर किसानों और वैज्ञानिकों ने कृषि मंत्री का जोरदार स्वागत किया। उन्होंने खेतों में चौपाल लगाई, जहाँ बीज उत्पादन, पॉलीहाउस खेती, स्ट्रॉबेरी की खेती, और अन्य उच्च मूल्य वाली फसलों पर चर्चा हुई। नवाचार करने वाले किसानों की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा, “ये प्रयोगशील किसान नई खेती के सच्चे नायक हैं।”
कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि दिल्ली के किसान अब केंद्र सरकार की योजनाओं से वंचित नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा, “दिल्ली के अन्नदाता भी आत्मनिर्भर भारत के सपने का हिस्सा बनेंगे। हर कृषि योजना का लाभ अब यहाँ के किसानों को मिलेगा।”
इस दौरान कृषि मंत्री उन्होंने ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन देखा, जिसमें कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव की आधुनिक तकनीक दिखाई गई। उन्होंने वैज्ञानिकों से इसकी लागत और प्रभाव पर चर्चा की। गाँव में पैदल भ्रमण करते हुए उन्होंने किसानों से उनकी खेती की बातें सुनीं।
तिग्गीपुर में आयोजित किसान सभा में ICAR के डायरेक्टर जनरल डॉ. एम.एल. जाट, ICAR-IARI के निदेशक डॉ. सी.एच. श्रीनिवास राव, वैज्ञानिक, अधिकारी, और स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए। डॉ. जाट ने कहा, “विकसित कृषि संकल्प अभियान किसान-वैज्ञानिक सहयोग की मिसाल है, जो नीतियों को ज़मीन से जोड़ेगा।”
कृषि मंत्री ने सभा में जोर देकर कहा, “अब अनुसंधान खेतों में होगा, किसानों के फीडबैक के आधार पर। ICAR और IARI के वैज्ञानिक गाँव-गाँव जाकर योजनाएँ बनाएँगे।” उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों में ICAR की 2,170 टीमें किसानों तक पहुँचीं और तकनीकी जागरूकता फैलाई। स्वयं मंत्री ने 15 राज्यों में किसानों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए कदम उठाए।
मिट्टी की उर्वरता पर चिंता जताते हुए कहा, “सॉइल हेल्थ कार्ड के आधार पर फसल चुनें, यही टिकाऊ खेती की नींव है।” उन्होंने फसल विविधीकरण, बाजारोन्मुखी खेती, और बागवानी मॉडल पर ज़ोर दिया। “दिल्ली जैसे क्षेत्र हॉर्टिकल्चर हब बन सकते हैं, क्योंकि यहाँ बाजार की मज़बूत उपलब्धता है,” तकनीक की अहमियत पर बल देते हुए कहा, “बिना टेक्नोलॉजी के खेती और मार्केटिंग में सफलता मुश्किल है। सरकार हर स्तर पर किसानों का साथ देगी।” सभा में ICAR और IARI के वैज्ञानिकों ने किसानों के सवालों के जवाब दिए और खरीफ मौसम के लिए उन्नत तकनीकों की जानकारी साझा की।
यह कार्यक्रम ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य किसानों को जागरूक करना, नवाचारों से जोड़ना और अनुसंधान को जमीन से जोड़कर कृषि क्षेत्र में सुधार लाना है।