नई दिल्ली: ग्रामीण भारत की उद्यमिता और महिला सशक्तिकरण का जश्न मनाते हुए, ‘सरस आजीविका मेला’ का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने किया। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित यह मेला, जो 5 से 22 सितंबर तक चलेगा, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को मजबूती प्रदान करता है।
लखपति दीदियों का सम्मान और ‘विकसित भारत’ का संकल्प
मेले के उद्घाटन समारोह में, दोनों मंत्रियों ने देशभर से आई 400 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिला सदस्यों, जिन्हें ‘लखपति दीदी’ कहा जाता है, के कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि यह मेला एक नए और सशक्त भारत का प्रतिबिंब है, जहाँ ग्रामीण महिलाएं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने सभी को 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का संकल्प दिलाया।
अपने संबोधन में, श्री चौहान ने खुलासा किया कि अब तक दो करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं, और जल्द ही यह संख्या तीन करोड़ को पार कर जाएगी। उन्होंने मेले में शामिल सभी ‘लखपति दीदियों’ को अपने आवास पर आने और उनके साथ सहभोज का भावपूर्ण निमंत्रण भी दिया।
दिल्ली और ग्रामीण भारत का मिलन
इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की और दिल्ली में इस मेले के आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली सरकार सभी केंद्रीय योजनाओं का लाभ दिल्लीवासियों तक पहुंचाएगी, ताकि कोई भी नागरिक विकास के अवसर से वंचित न रहे।
मेले में इंडिया फूड कोर्ट भी स्थापित किया गया है, जहाँ विभिन्न राज्यों के स्वादिष्ट पारंपरिक व्यंजन उपलब्ध हैं। ‘एक भारत–श्रेष्ठ भारत‘ की भावना को दर्शाने के लिए यहाँ प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हो रहे हैं। यह मंच न केवल ग्रामीण कारीगरों को अपने उत्पाद बेचने का अवसर देता है, बल्कि शहरी ग्राहकों को ग्रामीण भारत की समृद्ध हस्तकला और संस्कृति का अनुभव करने का मौका भी प्रदान करता है।





