देशभर के करोड़ों किसान जहां एक ओर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 21वीं किस्त का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने इस योजना के नियमों का उल्लंघन करने वाले 31 लाख से अधिक लाभार्थियों की पहचान की है। अब सरकार इन अपात्र लोगों के ख़िलाफ़ जल्द ही कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
पति-पत्नी दोनों ले रहे थे लाभ
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 31 लाख से ज़्यादा ऐसे संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जहाँ नियमों के विपरीत पति और पत्नी दोनों एक ही परिवार से इस योजना का लाभ उठा रहे थे। पीएम-किसान योजना के नियमानुसार, प्रति किसान परिवार केवल एक सदस्य को ही यह ₹6,000 की वार्षिक आर्थिक सहायता तीन किस्तों में मिल सकती है।
इस बड़े उल्लंघन को देखते हुए, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 15 अक्टूबर तक इन संदिग्ध मामलों की जाँच पूरी करने और अपात्र लाभार्थियों को सूची से हटाने के निर्देश दिए हैं। सरकार यह सख़्त क़दम 21वीं किस्त जारी करने से ठीक पहले उठा रही है।
94% मामले हुए सत्यापित
मंत्रालय ने बताया कि कुल 31 लाख संदिग्ध मामलों में से लगभग 19 लाख मामलों की जाँच पूरी हो चुकी है। इन जाँचों में, लगभग 94 प्रतिशत मामलों में यह पुष्टि हुई है कि पति और पत्नी दोनों को योजना का लाभ मिल रहा था, जो कि नियमों का सीधा उल्लंघन है।
आपदाग्रस्त राज्यों को अग्रिम किस्त
आपको बता दें कि फरवरी 2019 में शुरू होने के बाद से अब तक 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को 20 किस्तों का भुगतान किया जा चुका है। हाल ही में, केंद्र सरकार ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित राज्यों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के किसानों के बैंक खातों में 21वीं किस्त के ₹2-2 हज़ार रुपये अग्रिम रूप से हस्तांतरित कर दिए हैं। उम्मीद है कि इन जाँचों के पूरा होने के बाद, अन्य राज्यों के लिए भी पीएम-किसान की अगली किस्त जल्द ही जारी कर दी जाएगी।





