मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने किसानों और दाल उद्योग को बड़ी राहत देते हुए एक अहम फैसला लिया है। मंगलवार (10 जून, 2025) को हुई कैबिनेट बैठक में आयातित तुअर दाल पर लगने वाले मंडी टैक्स को पूरी तरह से माफ करने का निर्णय लिया गया है। यह फैसला उन किसानों के लिए एक बड़ी राहत माना जा रहा है जो तुअर की खेती करते हैं, साथ ही दाल मिल संचालकों को भी इससे फायदा मिलेगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
जानकारों की मानें तो अभी तक, तुअर दाल पर प्रति 100 रुपये पर 1 रुपया मंडी शुल्क लगता था। इस शुल्क के कारण, पड़ोसी राज्यों, खासकर महाराष्ट्र से आने वाली तुअर दाल पर अतिरिक्त लागत जुड़ जाती थी, जिससे स्थानीय दाल मिलें और व्यापारी प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाते थे। सरकार का यह कदम प्रदेश में दालों के व्यापार को बढ़ावा देने, दलहन उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
किसानों और उद्योग पर क्या होगा असर?
- किसानों को लाभ: मंडी टैक्स माफ होने से दाल मिलें और व्यापारी राज्य के भीतर और बाहर से तुअर दाल खरीदने में अधिक रुचि दिखाएंगे। इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और किसानों को उनकी तुअर उपज का बेहतर और प्रतिस्पर्धी दाम मिल सकेगा। यह उन किसानों के लिए भी अच्छी खबर है जो अपनी तुअर दाल को बेचने के लिए दूसरे राज्यों में भेजने की सोचते थे।
- दाल मिलों को फायदा: मध्य प्रदेश दाल मिलों का एक प्रमुख केंद्र है। मंडी टैक्स हटने से उन्हें इनपुट कॉस्ट (कच्चे माल की लागत) कम करने में मदद मिलेगी, जिससे वे अन्य राज्यों की दाल मिलों के साथ अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। यह राज्य में दाल उद्योग के विकास और विस्तार को बढ़ावा देगा।
- उत्पादन में वृद्धि का प्रोत्साहन: सरकार का यह कदम अप्रत्यक्ष रूप से किसानों को तुअर दाल की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगा। जब किसानों को अपनी उपज का अच्छा दाम मिलेगा, तो वे निश्चित रूप से अधिक क्षेत्र में इसकी बुवाई करेंगे, जिससे राज्य में दलहन का उत्पादन बढ़ेगा।
अन्य महत्वपूर्ण कैबिनेट निर्णय
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई इस कैबिनेट बैठक में तुअर दाल पर मंडी टैक्स माफी के अलावा भी कई अन्य अहम निर्णय लिए गए, जिनमें मुख्यमंत्री मजरा टोला सड़क योजना को मंजूरी और कुछ जिलों में वर्किंग वूमेन हॉस्टल को स्वीकृति मिलना शामिल है। यह सभी निर्णय प्रदेश के समग्र विकास और जन कल्याण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
इस फैसले से उम्मीद है कि मध्य प्रदेश दलहन व्यापार और उत्पादन के क्षेत्र में एक नई ऊँचाई पर पहुंचेगा, जिससे राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति और सुदृढ़ होगी।
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