देश के किसानों के हित में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा एक revolutionary एप लॉन्च करने की तैयारी है, जिसका नाम है “मौसम जीपीटी” है। यह एप टेक्स्ट और ऑडियो माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में सटीक स्थानीय मौसम की जानकारी प्रदान करेगा, जिससे किसानों को फायदा पहुंचेगा। इस एप को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तहत बनाया जा रहा है।
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी विज्ञान सचिव एम. रविचंद्रन ने बताया कि मौसम जीपीटी का मुख्य उद्देश्य सिस्टम को स्मार्टफोन और बटन वाले फोन दोनों के लिए अनुकूल बनाना है। इससे छोटे किसान भी केवल दो या तीन बटन दबाकर समय पर मौसम का पूर्वानुमान प्राप्त कर सकेंगे। यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों पर फोकस करेगी, जहां मौसम की जानकारी शहर की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण है।
मौसम जीपीटी किसानों को बुवाई का सबसे अच्छा समय तय करने में मदद करेगा। सचिव के अनुसार, केवल यह बताना कि बारिश हो सकती है या नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए, इस एप के माध्यम से किसानों को विस्तृत और प्रैक्टिकल जानकारी मिलेगी, जैसे कि पहला दिन – बारिश नहीं होगी, दूसरा दिन – बारिश नहीं होगी, तीसरा दिन – हल्की बारिश होगी। यह जानकारी टेक्स्ट और वॉयस दोनों माध्यमों में उपलब्ध होगी, ताकि पढ़ नहीं सकने वाले लोग भी इसका लाभ उठा सकें।
मौसम जीपीटी का शुरुआती संस्करण पहले ही विकसित कर लिया गया है, लेकिन इसे फीचर फोन और स्मार्टफोन दोनों पर काम करने के लिए और बेहतर बनाने की आवश्यकता है। सचिव ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक छोटा किसान केवल दो या तीन बटन दबाकर मौसम का पूर्वानुमान प्राप्त कर सके, यह सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है।
इस प्रणाली में कॉल करने वाले किसानों की सटीक स्थान की पहचान टावरों के माध्यम से होगी, और फिर प्रणाली स्थानीय भाषा में टेक्स्ट और वॉयस दोनों में एक सरल मौसम पूर्वानुमान प्रदान करेगी। शुरुआत में, यह एप पांच भाषाओं का समर्थन करेगा, जिसे बाद में 10 और फिर 25 भाषाओं तक विस्तारित करने की योजना है।
इस पहल से किसानों को समय पर सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे वे अपनी फसलों की सुरक्षा और उत्पादन में वृद्धि कर सकेंगे। यह कदम निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाएगा और गांव-गांव तक मौसम की जानकारी पहुंचाएगा।