मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।1 उन्होंने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर आगामी विपणन वर्ष में मूंग के कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत समर्थन मूल्य पर क्रय करने का लक्ष्य निर्धारित करने का आग्रह किया है। यह पहल किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
मूंग उत्पादन में वृद्धि: किसानों की मेहनत का परिणाम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि विपणन वर्ष 2025-26 के लिए ग्रीष्मकालीन मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 8,682 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। यह मूल्य किसानों को मूंग की खेती के लिए प्रोत्साहन देता है। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि प्रदेश में इस वर्ष मोबाइल ऐप के माध्यम से की गई गिरदावरी (फसल सर्वेक्षण) में ग्रीष्मकालीन मूंग के क्षेत्रफल में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि सीधे तौर पर मध्यप्रदेश के मेहनती किसानों के प्रयासों और उनकी बेहतर उपज प्राप्त करने की क्षमता को दर्शाती है।
बढ़ते उत्पादन के साथ, यह सुनिश्चित करना आवश्यक हो जाता है कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा फल मिले। समर्थन मूल्य पर बढ़ी हुई खरीदी से किसानों को बाज़ार के उतार-चढ़ाव से बचाया जा सकेगा और उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए एक स्थिर और विश्वसनीय मंच मिलेगा।
किसानों की आय बढ़ाने और बाज़ार स्थिरता सुनिश्चित करने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री का यह आग्रह किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने और उनकी आय में वृद्धि करने के राज्य सरकार के संकल्प को दर्शाता है। मूंग जैसी दलहन फसलें न केवल किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, बल्कि वे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार और फसल विविधीकरण में भी सहायक होती हैं।
समर्थन मूल्य पर 40 प्रतिशत खरीदी का लक्ष्य निर्धारित होने से किसानों को अपनी फसल बेचने की चिंता कम होगी और वे भविष्य में भी ऐसी लाभदायक फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित होंगे। यह कदम कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा, जिससे मध्यप्रदेश के कृषि विकास को नई गति मिलेगी। राज्य सरकार का मानना है कि केंद्र सरकार के सहयोग से यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकेगा, जिससे बड़ी संख्या में किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।