मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जोधपुर का दौरा किया, जहाँ उन्होंने विश्व विख्यात हैंडीक्राफ्ट उद्योग से जुड़े व्यापारियों और अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।1 इस बैठक का मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश से उच्च गुणवत्ता वाली सागवान लकड़ी की जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट निर्माताओं को उचित मूल्य पर उपलब्धता सुनिश्चित करना और दोनों राज्यों के बीच इस व्यापार को नई गति देना है। मुख्यमंत्री यादव ने इस पहल को “मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए हैंडीक्राफ्ट उद्योग में अपार संभावनाओं” की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
हैंडीक्राफ्ट उद्योग के लिए नई राह: गुणवत्ता और किफायत
दरअसल, मध्य प्रदेश भारत के सबसे बड़े वन क्षेत्रों में से एक है, जहाँ 30% से अधिक भूभाग पर वन हैं और देश की सबसे बेहतरीन सागवान की लकड़ी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसके विपरीत, राजस्थान में वन क्षेत्र की कमी के कारण लकड़ी की उपलब्धता कम है और उसकी लागत भी अधिक पड़ती है। जोधपुर का हैंडीक्राफ्ट उद्योग, अपनी बारीक कारीगरी और उत्पादों की गुणवत्ता के लिए देश ही नहीं, बल्कि यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में भी बड़ी मांग रखता है। ऐसे में, यदि मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकारें मिलकर इस व्यापार के लिए पहल करती हैं, जिसमें लकड़ी को कम मूल्य और करों में छूट के साथ उपलब्ध कराया जाए, तो जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट व्यापारियों को न केवल उच्च गुणवत्ता वाला सामान बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि वे इसे अधिक किफायती दरों पर भी तैयार कर पाएंगे, जिससे उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव: जोधपुर को मिलेगा नया प्रोत्साहन
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “जोधपुर पूरे विश्व में लकड़ी के हैंडीक्राफ्ट के लिए प्रसिद्ध है, और यहाँ हर तरह के बेहतरीन फर्नीचर बनाए जाते हैं।” उन्होंने आगे बताया कि मध्य प्रदेश में देश का 9% वन क्षेत्र है, जो लगभग 33% है, और सबसे उन्नत किस्म की सागवान की लकड़ी वहीं मिलती है।2 मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि जोधपुर के फर्नीचर निर्माताओं को अपनी कला और उद्योग को और विस्तार देने के अवसर प्रदान करने के लिए ही वे अपने अधिकारियों के साथ यहाँ आए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच हैंडीक्राफ्ट उद्योग को लेकर विशाल संभावनाएं हैं, जिन पर आज की बैठक में विस्तार से चर्चा की गई।
सागवान की खासियत: जो बनाती है इसे विश्व प्रसिद्ध
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के वन क्षेत्रों में पाई जाने वाली सागवान (जिसे स्थानीय रूप से सागोन भी कहते हैं) अपनी उच्चतम गुणवत्ता के लिए जानी जाती है। यह लकड़ी हल्के पीले रंग की होती है जो समय के साथ गहरा होती जाती है, और फर्नीचर निर्माण के लिए इसे सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसकी प्राकृतिक मजबूती और स्थायित्व इसे अद्वितीय बनाते हैं। सागवान में मौजूद प्राकृतिक तेल इसे दीमक, कीड़ों और नमी के प्रति प्रतिरोधी बनाते हैं, जिससे बने उत्पाद बेहद टिकाऊ होते हैं। यही कारण है कि इस लकड़ी ने हैंडीक्राफ्ट उद्योग में विश्व भर में अपनी पहचान बनाई है। मध्य प्रदेश में इस बहुमूल्य लकड़ी की सुनियोजित खेती भी की जाती है, जिससे इसकी सतत उपलब्धता सुनिश्चित होती है।
यह पहल दोनों राज्यों के बीच आर्थिक सहयोग का एक नया अध्याय लिखेगी और जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट उद्योग को वैश्विक मंच पर और भी ऊँचाइयों पर ले जाने में सहायक होगी।