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Home पशुपालन

मछली पालन में क्रांति, एमपी को मिला देश का पहला फिशरीज क्लस्टर

अंकित शर्मा by अंकित शर्मा
June 12, 2025
in पशुपालन, लेटेस्ट न्यूज, विज्ञान और तकनीक
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मध्य प्रदेश में मछली पालन का ऐतिहासिक क्षण: हलाली में देश का पहला ‘रिजर्वायर फिशरीज़ क्लस्टर’ बनेगा, इंदौर से होगा उद्घाटन

मध्य प्रदेश अब मछली पालन के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित करने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत, भोपाल के पास हलाली में मध्य प्रदेश का पहला ‘रिजर्वायर फिशरीज़ प्रोडक्शन एंड प्रोसेसिंग क्लस्टर’ स्थापित किया जा रहा है। इस अत्याधुनिक क्लस्टर का उद्घाटन 13 जून को इंदौर से होगा, जिसे केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ‘राष्ट्रीय इनलैंड फिशरीज़ एवं एक्वाकल्चर बैठक’ के दौरान हरी झंडी दिखाएंगे। यह पहल मध्य प्रदेश को मत्स्य उत्पादन के नक्शे पर एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगी।

क्या है खास ?

हलाली में बनने वाला यह क्लस्टर देश में अपनी तरह के 17 ऐसे विशेष केंद्रों में से एक है जिनकी पहचान केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत की है। इन क्लस्टरों को विशेष रूप से उन क्षेत्रों की मत्स्य पालन की अद्वितीय विशेषताओं और व्यापक संभावनाओं को ध्यान में रखकर विकसित किया जा रहा है जहाँ बड़े जलाशय (reservoirs) मौजूद हैं। इसका लक्ष्य मछली उत्पादन से लेकर उसकी प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन (value addition) और बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि यह क्लस्टर मध्य प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। यह साबित करेगा कि कैसे एक लैंडलॉक्ड यानी चारों ओर से जमीन से घिरा राज्य भी मछली पालन के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बन सकता है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। यह क्लस्टर आधुनिक तकनीकों, वैज्ञानिक प्रबंधन और बेहतर प्रसंस्करण इकाइयों का संगम होगा, जिससे मछुआरों को सीधा लाभ मिलेगा।

इंदौर में ऐतिहासिक बैठक: इनलैंड राज्यों में मछली उत्पादन बढ़ाने पर विशेष ध्यान

‘राष्ट्रीय इनलैंड फिशरीज़ एवं एक्वाकल्चर बैठक’ का इंदौर में आयोजन अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रेखांकित किया कि यह देश में पहली बार है जब मछली पालन से जुड़ी इतनी महत्वपूर्ण और बड़ी बैठक किसी इनलैंड राज्य में आयोजित की जा रही है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से उन राज्यों में मछली उत्पादन को बढ़ावा देना और उनकी चुनौतियों पर चर्चा करना है जिनकी सीमाएं समुद्र से नहीं जुड़ती हैं।

इस बैठक में केवल उन्हीं राज्यों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं जो समुद्री मछली पालन गतिविधियों में शामिल नहीं हैं। यह फोकस दर्शाता है कि केंद्र सरकार इनलैंड मत्स्य पालन की विशाल क्षमता को पहचानती है और इसे विकसित करने के लिए एक केंद्रित रणनीति पर काम कर रही है। मध्य प्रदेश इस पहल का नेतृत्व कर रहा है, जिससे अन्य इनलैंड राज्यों के लिए भी एक मार्ग प्रशस्त होगा।

मछुआरा समुदाय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बड़ा बूस्ट

इस परियोजना से स्थानीय मछुआरा समुदाय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जबरदस्त लाभ मिलने की उम्मीद है:

  • आय में वृद्धि: क्लस्टर आधुनिक मछली पालन विधियों, बेहतर बीज, और प्रसंस्करण सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करेगा, जिससे मछुआरों की प्रति मछली उत्पादन क्षमता और आय में वृद्धि होगी।
  • रोजगार के अवसर: प्रोसेसिंग यूनिट्स और संबंधित गतिविधियों से स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
  • उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार: बेहतर प्रसंस्करण और कोल्ड चेन सुविधाओं से मछली उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ेगी, जिससे उन्हें बेहतर बाजार मूल्य मिलेगा।
  • आत्मनिर्भरता: यह पहल मध्य प्रदेश को मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ले जाएगी और बाहर से मछली आयात पर निर्भरता कम होगी।

कुल मिलाकर, हलाली का यह ‘रिजर्वायर फिशरीज़ क्लस्टर’ मध्य प्रदेश के मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो राज्य के किसानों और मछुआरों के लिए समृद्धि के नए द्वार खोलेगा।

Tags: CM Mohan Yadavfish farmingFisheriesHalaliIndoreMP NewsProcessing ClusterReservoir Fisheries Production
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