विदिशा, मध्य प्रदेश: पारंपरिक फसलों से इतर कुछ नया आज़माने का साहस अक्सर किसानों को सफलता की नई राह दिखाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है विदिशा विकासखंड के ग्राम बेरखेड़ी के युवा किसान इंद्रजीत कुशवाह ने। इंद्रजीत ने सोयाबीन और गेहूं की खेती छोड़कर मिर्च की उन्नत किस्म व्हीएनआर-285 पर दांव लगाया और मात्र ढाई बीघा जमीन से करीब 3 लाख रुपये की शानदार कमाई कर सबको चौंका दिया है।
इंद्रजीत के पिता नोनितराम कुशवाह ने मीडिया को बताया कि, उनके बेटे ने वर्ष 2022 से ही उद्यानिकी फसलों (सब्जियां और मसाले) में हाथ आज़माना शुरू कर दिया था। मिर्च के अलावा उन्होंने प्याज, लहसुन, टमाटर और धनिया की खेती भी की, जिसने उन्हें धान और गेहूं की तुलना में काफी बेहतर आय दी।
कैसे की खेती?
इंद्रजीत ने मिर्च की खेती के लिए खेत को अच्छी तरह तैयार किया। उन्होंने गहरी जुताई कर गोबर की खाद और जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल किया। VHN-285 किस्म के पौधों को 2 फीट की दूरी पर रोपा गया, और ड्रिप सिंचाई से पानी की बचत करते हुए फसल को नियमित नमी दी गई। फसल 3-4 महीने में तैयार हो गई, और भोपाल व विदिशा की मंडियों में 5,000-7,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिकी। कुल मिलाकर, लागत निकालने के बाद इंद्रजीत को 2.5 बीघे से 3 लाख रुपये का मुनाफा हुआ।
उद्यान विभाग का साथ, खेती में नया ज्ञान
इंद्रजीत के इस बदलाव में उद्यान विभाग का सहयोग अहम रहा। विभाग द्वारा आयोजित भ्रमणों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने उन्हें उद्यानिकी फसलों की तकनीकी जानकारी दी और उनका रुझान इस ओर बढ़ा। उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग से मिली अनुदान सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन ने उन्हें मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत मिर्च लगाने में मदद की, जिससे उन्हें रिकॉर्ड उत्पादन मिला।
बाजार में सीधे बिक्री, बढ़ा मुनाफा
इंद्रजीत ने अपनी मिर्च की फसल को सीधे भोपाल और विदिशा के बाजारों में बेचा, जिससे बिचौलियों का मार्जिन कम हुआ और उन्हें अपनी मेहनत का पूरा फल मिला। ढाई बीघा खेत से 3 लाख रुपये की यह आमदनी दर्शाती है कि सही जानकारी, उन्नत किस्मों का चुनाव और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर किसान अपनी आय को वाकई दोगुना कर सकते हैं।
यह कहानी मध्य प्रदेश के साथ देश के सभी राज्यों के किसानों के लिए भी एक प्रेरणा है जो कम रकबे में भी अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं। इंद्रजीत कुशवाह का अनुभव बताता है कि कृषि में नवाचार और विशेषज्ञ सलाह का पालन करके पारंपरिक खेती की सीमाओं को तोड़कर नई आर्थिक ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है।
क्या है सलाह?
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि, मिर्च की खेती के लिए उपजाऊ दोमट मिट्टी, 25-35 डिग्री तापमान, और अच्छी सिंचाई सुविधा जरूरी है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे उद्यानिकी विभाग से संपर्क करें, उन्नत किस्मों का चयन करें, और बाजार की मांग का आकलन करें। मध्य प्रदेश में मिर्च की मांग भोपाल, इंदौर और विदिशा जैसे बाजारों में सालभर रहती है, जिससे यह फसल किसानों के लिए ‘लाल सोना’ साबित हो रही है।