देश में एक और जहाँ सरकार किसानों के उत्थान और उन्हें सशक्त बनाने की मुहिम में जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर देश में बहुत से किसान ऐसे भी हैं- जिन्हें अपनी फसल का सही दाम अभी भी नहीं मिल रहा है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले से एक मामला सामने आया है, यहाँ मूंग की सरकारी खरीदी में हो रही देरी ने किसानों का सब्र तोड़ दिया है। अपनी मेहनत से उगाई फसल का उचित दाम और समय पर खरीदी की मांग को लेकर सैकड़ों किसान सड़कों पर उतर आए हैं। आक्रोशित किसानों ने अनोखे और मार्मिक तरीके से अपनी बात रखने के लिए अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया और जिला कलेक्ट्रेट तक घुटनों के बल चलकर ज्ञापन सौंपा। यह प्रदर्शन सरकार और प्रशासन का ध्यान खींचने की एक भावुक कोशिश थी, जो किसानों की बदहाली को उजागर करता है।
इन किसानों का कहना है कि मूंग की फसल तैयार होने के बाद भी सरकारी खरीदी केंद्रों पर प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा रही है। कई किसानों ने बताया कि देरी के कारण उन्हें मजबूरन निजी व्यापारियों को औने-पौने दाम पर फसल बेचनी पड़ रही है और उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। “हमने दिन-रात मेहनत करके फसल उगाई, लेकिन खरीदी की देरी ने हमें कर्ज के बोझ तले दबा दिया,” एक किसान ने गुस्से में कहा। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि सरकार तत्काल खरीदी शुरू करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के साथ पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करे।
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने नरसिंहपुर के मुख्य मार्गों पर अर्धनग्न होकर नारेबाजी की और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। घुटनों के बल चलकर कलेक्ट्रेट पहुँचने का उनका तरीका उनकी पीड़ा और हताशा का प्रतीक था। जिला प्रशासन ने किसानों का ज्ञापन स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर जल्द विचार किया जाएगा। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि खरीदी प्रक्रिया में देरी की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है और जल्द ही समाधान के लिए कदम उठाए जाएँगे।
हालाँकि, किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी माँगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। नरसिंहपुर के इस प्रदर्शन ने एक बार फिर किसानों की बदहाली और सरकारी प्रणाली की कमियों को उजागर किया है। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन किसानों की पुकार सुनकर त्वरित कार्रवाई करेगा, या यह आंदोलन और उग्र होगा?