गौमाता के संरक्षण और गौ-आधारित अर्थव्यवस्था के पुनरुत्थान के महासंकल्प के साथ राष्ट्रव्यापी यात्रा पर निकली ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ की टीम ने आज कर्नाटक के राजभवन पहुँचकर एक ऐतिहासिक पड़ाव दर्ज किया। जीव-जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान (AWARI) के अध्यक्ष श्री भारत सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में पूरी टीम ने राज्यपाल श्री थावरचंद गहलोत जी से शिष्टाचार भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस गरिमामयी मुलाकात के दौरान दोनों के बीच गौ संवर्धन और गौ संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन और सारगर्भित चर्चा हुई, जहाँ राज्यपाल ने इस राष्ट्रहित के प्रयास की जमकर सराहना की।
हरित क्रांति और श्वेत क्रांति के बाद ‘ब्राउन रिवोल्यूशन’ का आह्वान
राज्यपाल महोदय से मुलाकात के दौरान, श्री भारत सिंह राजपुरोहित ने अपनी ‘गौ राष्ट्र यात्रा’ के अब तक के अनुभव और दूरदर्शी उद्देश्यों को विस्तार से साझा किया। उन्होंने इस बात पर विशेष ज़ोर दिया कि भारत की प्रगति अब तक हरित क्रांति और श्वेत क्रांति के माध्यम से हुई है, लेकिन अब समय आ गया है जब एक नई क्रांति, यानी ‘ब्राउन रिवोल्यूशन’ (गोबर की क्रांति), की शुरुआत हो। राजपुरोहित जी ने बताया कि गौमाता के गोबर और गौमूत्र में अपार आर्थिक संभावनाएँ छिपी हैं, जिन्हें आज तक पूरी तरह से उपयोग में नहीं लाया गया। उन्होंने कहा कि जिस गाय को लोग दूध न देने के कारण बेसहारा सड़कों पर छोड़ देते हैं, वही गाय अब अपने गोबर और गौमूत्र के माध्यम से किसानों और गौपालकों के लिए आय का एक बड़ा ज़रिया बन सकती है, जिससे गौवंश का संरक्षण भी सुनिश्चित होगा।
उन्होंने हाल के सफल प्रयोगों का उल्लेख किया, जैसे कि गौमूत्र से जैविक कीटनाशक और गोबर से जैविक खाद बनाना। उन्होंने बताया कि किस तरह से गोबर का विदेशों में निर्यात हो रहा है और गोबर से बनने वाले पेंट और अन्य उपयोगी उत्पाद गौमाता को आस्था से अर्थव्यवस्था से जोड़कर एक स्थायी मॉडल प्रस्तुत कर रहे हैं। राजपुरोहित जी ने बताया कि 13 राज्यों से होकर गुज़री इस यात्रा ने अब तक क़रीब 20,000 किलोमीटर की दूरी तय की है, और इसका समापन अब रामेश्वरम में होगा, जहाँ से यह पुनीत संकल्प शुरू हुआ था।

राज्यपाल ने गौ राष्ट्र यात्रा को दिया राजभवन का समर्थन
राज्यपाल महोदय श्री थावरचंद गहलोत जी ने श्री भारत सिंह राजपुरोहित और उनकी टीम के इस असाधारण प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गौ संवर्धन, गौ-आधारित अर्थव्यवस्था और गौ संरक्षण के लिए इस तरह की पहलें आज की सबसे बड़ी आवश्यकता हैं। राज्यपाल महोदय ने कहा, “हमें गर्व है कि गौ राष्ट्र यात्रा जैसे राष्ट्रहित के कार्य को राजभवन का समर्थन प्राप्त हुआ है। यह यात्रा देशभर में गौ संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाने का एक सार्थक प्रयास है, जो भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।” उन्होंने पूरी यात्रा टीम को अपनी शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया, जिससे टीम का मनोबल और भी बढ़ा।
राज्यपाल महोदय का यह समर्थन, गौ राष्ट्र यात्रा जैसे राष्ट्रव्यापी अभियानों को न केवल एक नई दिशा देता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि गौ सेवा और गौ संस्कृति का संरक्षण आज एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बन चुका है। राजभवन से मिले इस सम्मान और आशीर्वाद ने इस यात्रा के संदेश को और भी अधिक प्रभावी बना दिया है।





