उत्तर भारत के एक साधारण किसान परिवार से आने वाले और शुद्धग्राम ऑर्गेनिक के दूरदर्शी संस्थापक गौरव त्यागी, अब एक असाधारण संकल्प के साथ इतिहास रचने जा रहे हैं। अपनी जीवन बदलने वाली स्वास्थ्य चुनौती से मिले गहरे आत्ममंथन के बाद, उन्होंने ‘भारत अन्न शुद्धि पदयात्रा’ का बीड़ा उठाया है। यह ऐतिहासिक पदयात्रा 26 जून 2025 को सुबह ठीक 8:00 बजे श्रीनगर के प्रतिष्ठित लाल चौक से अपनी यात्रा का आरंभ करेगी, और लगभग 4000 किलोमीटर का दुर्गम पैदल सफर तय करते हुए भारत के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी तक पहुंचेगी। यह यात्रा केवल एक शारीरिक चुनौती नहीं, बल्कि एक राष्ट्रव्यापी जागरण का अभियान है जो शुद्ध भोजन और आत्मनिर्भर खेती के सपने को साकार करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
बीमारी से मिला जीवन का सबक: रसायन-मुक्त खेती की ओर गौरव त्यागी का सफ़र
कुछ वर्ष पूर्व, गौरव त्यागी को ITP (Immune Thrombocytopenic Purpura) नामक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा। इस बीमारी ने उन्हें न केवल शारीरिक रूप से प्रभावित किया, बल्कि उनकी जीवनशैली, भोजन के प्रति दृष्टिकोण और विचारों पर भी गहरा आत्ममंथन करने को विवश कर दिया। इस व्यक्तिगत संकट ने उन्हें यह एहसास दिलाया कि हमारे स्वास्थ्य का सीधा संबंध हम जो खाते हैं, उससे है। इसी प्रेरणा से, उन्होंने अपने पिताजी के साथ मिलकर खेतों में रसायन-मुक्त जैविक खेती का प्रयोग शुरू किया। यह एक छोटी सी शुरुआत थी, जो जल्द ही एक बड़े आंदोलन का रूप ले लिया और यहीं से शुद्धग्राम ऑर्गेनिक की नींव रखी गई। आज, शुद्धग्राम ऑर्गेनिक भारत के विभिन्न कोनों और विदेशों तक शुद्ध, प्रमाणित और प्राकृतिक अन्न उत्पादों को सफलतापूर्वक पहुँचा रहा है, जो रासायनिक मुक्त कृषि के प्रति उनके अटूट विश्वास का प्रमाण है।
‘भारत अन्न शुद्धि पदयात्रा’ के चार स्तंभ: स्वस्थ नागरिक से सशक्त किसान तक
गौरव त्यागी की यह महत्वाकांक्षी ‘भारत अन्न शुद्धि पदयात्रा’ कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों को अपने साथ लेकर चल रही है, जो भारत के भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखेंगे:
- शुद्ध, प्राकृतिक भोजन के प्रति जागरूकता: इस यात्रा का प्राथमिक लक्ष्य भारत के प्रत्येक नागरिक को रासायनिक-मुक्त और प्राकृतिक भोजन के महत्व के प्रति जागरूक करना है। गौरव त्यागी का मानना है कि सही भोजन ही स्वस्थ शरीर और स्वस्थ समाज का आधार है, और इस यात्रा के माध्यम से वे गाँव-गाँव जाकर लोगों को जैविक उत्पादों के लाभ समझाएंगे।
- जैविक खेती को प्रोत्साहन और संरक्षण: पदयात्रा का दूसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य किसानों और मिट्टी दोनों को रसायनों के दुष्प्रभावों से बचाना है। जैविक खेती को प्रोत्साहित कर वे किसानों को न केवल अपनी भूमि की उर्वरता बनाए रखने के लिए प्रेरित करेंगे, बल्कि उन्हें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता कम करने का मार्ग भी दिखाएंगे, जिससे पर्यावरण का भी संरक्षण होगा।
- आत्मनिर्भरता का संदेश गाँव-गाँव पहुँचाना: यह यात्रा गाँवों में आत्मनिर्भरता के विचार को मजबूत करेगी। गौरव त्यागी स्थानीय उत्पादन, स्थानीय खपत और स्थानीय संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने का संदेश लेकर चलेंगे, ताकि ग्रामीण समुदाय अपनी ज़रूरतों के लिए दूसरों पर कम निर्भर रहें और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकें।
- किसानों को सीधे उपभोक्ता से जोड़ने का सशक्तिकरण: पदयात्रा का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य किसानों को उनके जैविक उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाने के लिए सशक्त करना है। इससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी, किसानों को उनकी मेहनत का पूरा दाम मिलेगा, और उपभोक्ताओं को ताज़े व शुद्ध उत्पाद उपलब्ध होंगे। यह किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा।
गौरव त्यागी की यह ‘भारत अन्न शुद्धि पदयात्रा’ ऐसे समय में शुरू हो रही है जब भारत सरकार भी जैविक खेती और ग्रामीण आत्मनिर्भरता पर जोर दे रही है। उनका व्यक्तिगत अनुभव और अब यह विशाल संकल्प न केवल किसानों और उपभोक्ताओं को सीधे जोड़ेगा, बल्कि स्वस्थ भारत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक मील का पत्थर साबित होगा।