क्या आप जानते हैं, अब आपके खेत तक खुद कृषि वैज्ञानिक पहुँचेंगे और कृषि मंत्री भी गाँवों का दौरा करेंगे? जी हाँ! केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ ने कमाल कर दिया है, और अब यह अभियान रुकेगा नहीं! किसानों को और समृद्ध बनाने और खेती को बेहतर करने के लिए कई नए और बड़े फैसले लिए गए हैं।
अभियान की सफलता: करोड़ों किसानों से सीधा संवाद
श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ देश में बहुत सफल रहा है। इस अभियान में कृषि से जुड़े 2170 टीमों ने 1.42 लाख से ज़्यादा गाँवों में जाकर 1.34 करोड़ से ज़्यादा किसानों से सीधी बात की है। इसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक जैसे बड़े नेता भी शामिल हुए।
श्री चौहान ने साफ कहा, “हम लगातार किसानों के बीच खेतों में जाकर खेती को बेहतर और किसानों को खुशहाल बनाने की कोशिश करते रहेंगे। ये अभियान थमेगा नहीं, रबी की फसल के लिए यह अभियान फिर से चलेगा।“
अब सीधे खेतों से मिलेगी मदद: बड़े फैसले
केंद्रीय कृषि मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए किसानों के लिए कुछ अहम और तुरंत लागू होने वाले फैसलों की जानकारी दी:
- वैज्ञानिक आएँगे खेत तक: हर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) को अब एक ‘नोडल एजेंसी’ बनाया जाएगा। KVK के वैज्ञानिक अब हर हफ्ते तीन दिन किसानों के खेतों में जाकर सीधे मदद करेंगे।
- कृषि मंत्री भी जाएँगे खेत: खुद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि वह भी हर हफ्ते दो दिन किसानों के खेतों में जाकर उनकी समस्याएँ सुनेंगे। उन्होंने अफसरों से भी दफ्तर छोड़कर खेतों में जाने को कहा है।
- राज्यों के लिए नोडल अफसर: ICAR की तरफ से हर राज्य के लिए एक खास वैज्ञानिक नोडल अफसर होगा, जो खेती से जुड़ी समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान बताएगा और राज्य सरकार से तालमेल रखेगा।
- नकली बीज-दवा पर लगाम: किसानों को नकली बीज और कीटनाशकों की शिकायतें मिली हैं। इस पर सख्त कदम उठाए जाएँगे और ‘सीड एक्ट’ (बीज कानून) को और मजबूत बनाया जाएगा, ताकि किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज मिलें।
फसलों के लिए खास योजनाएँ और भविष्य का रोडमैप
श्री शिवराज सिंह ने बताया कि इस अभियान का मकसद विज्ञान और किसानों को जोड़ना है। उन्होंने कहा कि इससे उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने में मदद मिली है।
- खास फसलों पर फोकस: अब खास फसलों जैसे सोयाबीन, कपास, गन्ना, दलहन और तिलहन के लिए भी अलग से मिशन चलाए जाएँगे। 26 जून को इंदौर में सोयाबीन किसानों और वैज्ञानिकों की एक बड़ी बैठक होगी।
- वैज्ञानिकों की बड़ी बैठक: 24 जून को पूसा संस्थान में देश भर के कृषि वैज्ञानिक और अधिकारी एक बड़ी बैठक करेंगे, जहाँ राज्यों की कृषि स्थिति पर रिपोर्ट पेश की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि क्रांति: ‘एक देश-एक कृषि-एक टीम’
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 11 सालों में कृषि क्षेत्र में गजब का काम हुआ है, जिससे खाने-पीने की चीजों का उत्पादन 40% बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाना है, लोगों को पौष्टिक खाना देना है, किसानों की कमाई बढ़ाना है और खेती को फायदे का काम बनाना है। साथ ही, उन्होंने भारत को दुनिया का ‘फूड बास्केट’ (अन्न का कटोरा) बनाने का सपना भी दोहराया।
श्री चौहान ने बताया कि सभी कृषि संस्थाओं और सरकारी विभागों को एक साथ लाने के लिए ‘वन नेशन – वन एग्रीकल्चर – वन टीम’ का विचार बनाया गया है। इसमें किसान भी शामिल होंगे, ताकि सब मिलकर एक ही दिशा में काम करें और ‘विकसित खेती-समृद्ध किसान’ का सपना पूरा हो सके।